नक्सलियों के खिलाफ होगा बड़ा ऑपरेशन, केंद्र से मिली 7 CRPF बटालियन की मंजूरी

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रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से नक्सलवाद (Naxal Issue) के खात्मे के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है. केंद्र ने छत्तीसगढ़ को 7 हजार जवानों की मंजूरी दे दी है. बता दें कि सीआरपीएफ (CRPF) ने केंद्र सरकार को 7 बटालियन का प्रस्ताव भेजा था. अब मोदी सरकार (Modi Government) ने इस प्रस्ताव को मानते हुए 7 हजार जवानों को डिप्लॉय करने की मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में इन जवानों को तैनात किया जाएगा. साथ ही जवानों को खास तरीके से ट्रेन भी किया जाएगा.

कहा जा रहा है कि जनवरी के बाद नक्सलियों के खिलाफ एक बड़े ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) की तैयारी की जा रही है. इसी कड़ी में जवानों की संख्या को बढ़ाया गया है. बता दें कि सीआरपीएफ की ओर से लगातार बटालियन की संख्या बढ़ाने की मांग भी की जा रही थी. गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने भी छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद के जल्द खात्मे की बात कही थी. तो वहीं केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी बस्तर दौरे पर हैं. माना जा रहा है कि इसके बाद कुछ बड़े फैसले लिए जा सकते हैं.

बता दें कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला बुधवार को छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे. वे बस्तर और रायपुर में बैठक लेंगे. इस दौरान वे डीजीपी, नक्सल ऑपरेशन के अफसरों तथा बस्तर में तैनात अर्धसैनिक बल के अफसरों के साथ प्रदेश में चलाए जा रहे नक्सल आपरेशन की समीक्षा भी कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि केंद्रीय गृह सचिव को सरकार द्वारा पिछले एक साल में चलाए गए नक्सलियों के खिलाफ अभियान की जानकारी दी जा सकती है. बताया जा रहा है कि इस बैठक में ही अधिकारी नक्सली के खात्मे का प्लान और अपनी डिमांड केन्द्रीय गृह सचिव के सामने रख सकते हैं.

बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम भूपेश बघेल समेत 11 राज्यों के मुख्यमंत्री और डीजीपी के साथ बैठक की थी.  इस बैठक में देश की सबसे बड़ी आंतरिक समस्या नक्सल समस्या  पर चर्चा भी हुई थी. चर्चा में गंभीर हो चुके नक्सल समस्या को जड़ से खात्म करने को लेकर कोई ठोस कदम उठाने पर फैसला लिया गया था. साथ ही गृह मंत्री ने सीएम बघेल से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के  हालात की जानकारी भी ली थी. वहीं, राज्यपाल अनुसुइया उइके ने भी गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. नक्सवाद के खात्मे को लेकर दोनों में अहम चर्चा हुई थी. कहा जा रहा था कि केंद्र ने नक्सल समस्या के खत्म करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर लिया था, जिसके क्रियान्वयन कराने की जिम्मेदारी राज्यपाल को दी गई थी.

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