कुपोषण मुक्त छत्तीसगढ़ सस्ते अनाज की योजना का लक्ष्य: मुख्यमंत्री

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जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर ,मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य के आदिवासी बहुल सुकमा जिले को नक्सलियों का राष्ट्रीय मुख्यालय माना जाता था, लेकिन अब वहां भी नक्सली पीछे हट रहे हैं, क्योंकि सरकार विकास को लेकर हम उस अंचल के लोगों के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में बनाए गए एजुकेशन हब से वहां के हजारों बच्चों के लिए शिक्षा के साथ भविष्य निर्माण का मार्ग आसान हो रहा है। उन्होंने कहा – वर्ष 2022 में जब हम लोग देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे, उस समय तक छत्तीसगढ़ भारत के प्रथम तीन सर्वाधिक विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां दैनिक बिजनेस स्टेडर्ड द्वारा आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा – राज्य सरकार नये सेक्टरों में नये विचारों के साथ प्रदेश के विकास और समाज के सभी वर्गों की बेहतरी के लिए काम कर रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला और इकलौता राज्य है, जो हर साल अपने किसानों से तीन माह में लगभग 11 हजार करोड़ रूपए का धान खरीद कर पूरा पैसा उनके खातों में जमा कर देता है। उन्होंने कहा – बीमार व्यक्ति पर भूखे पेट किसी भी दवाई का असर नहीं होता। भूख मिटने पर स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। यही वजह है कि गरीबों के लिए देश का पहला खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा कानून छत्तीसगढ़ ने बनाया।
डाॅ. सिंह ने कहा – गरीब जनता को सस्ता चावल और चना तथा निःशुल्क नमक देने की हमारी योजना में वोट की राजनीति नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ को कुपोषण से मुक्त करना, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना और लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर रखना इस योजना का लक्ष्य है। हमें इसमें काफी सफलता भी मिली है। प्रदेश में वर्ष 2003 की तुलना में कुपोषण की दर 70 प्रतिशत से घटकर आज लगभग 30 प्रतिशत रह गई है। इसे अगले पांच वर्ष में 15 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा प्रदेश की लगभग ढाई करोड़ जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए राज्य के सभी परिवारों को स्मार्ट कार्ड दिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत इन स्मार्ट कार्डों के जरिये प्रत्येक परिवार को हर साल 30 हजार रूपए तक निःशुल्क इलाज की सुविधा मिले रही है। उन्होंने कहा बिजली उत्पादन और खपत की दृष्टि से भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। हमारे यहां प्रति व्यक्ति बिजली की औसत वार्षिक खपत अब 600 यूनिट से बढ़कर 1760 यूनिट तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री ने कहा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार बेहतर वित्तीय प्रबंधन के मामले में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा – नये सेक्टरों में नये विचारों के साथ छत्तीसगढ़ विकास की राह पर लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के औद्योगिक विकास की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को हर प्रकार का सहयोग दे रही है। कुछ वर्ष पहले जब स्टील सेक्टर में मंदी के कारण छत्तीसगढ़ के स्पंज आयरन और स्टील कारखानों पर संकट गहराया था, उस समय हमने लगभग 1200 करोड़ रूपए की सब्सिडी उन्हें दी थी। छत्तीसगढ़ में जो भी निवेश के लिए आता है, उसे यहां काम करने का बेहतर अवसर मिलता है। केन्द्र सरकार के उपक्रम राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) द्वारा अब तक सिर्फ लौह अयस्क  उत्पादन का काम किया जा रहा था, जबकि देश में यह पहली बार है जब उसके द्वारा विशाल इस्पात संयंत्र बस्तर जिले के नगरनार में स्थापित किया जा रहा है। हमने प्रारंभ से ही यह तय किया है कि छत्तीसगढ़ के खनिजों का वेल्युएडिशन राज्य में ही करने वाले उद्योगों को हम प्राथमिकता देंगे। नगरनार का तेजी से बन रहा इस्पात संयंत्र इसका एक अच्छा उदाहरण है।
 डाॅ. रमन सिंह ने  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नीतिगत फैसलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि खनिज क्षेत्रों में उत्पादन की 33 प्रतिशत राशि संबंधित राज्यों को देने के उनके ऐतिहासिक फैसले से स्थानीय विकास के कार्यों के लिए काफी धन मिलने लगा है। इसके लिए हर जिले में जिला खनिज न्यास निधि (डी.एम.एफ.)का गठन किया गया है। छत्तीसगढ़ में डी.एम.एफ. की राशि से लगभग 3600 करोड़ रूपए के विकास के कार्य चल रहे हैं। यह राशि हमारे नियमित बजट के अतिरिक्त है। डाॅ. सिंह ने कहा – छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपनी शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जनता को अच्छी सुविधाएं देने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव किया है। मुख्यमंत्री फैलोशिप योजना शुरू की गई है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों के स्कूलों में बच्चों के लिए गणित, विज्ञान और अन्य महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक मिलने लगे हैं। बीजापुर के जिला अस्पताल में आज लगभग 26 डाॅक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हम ऐसे क्षेत्रों में तीन वर्ष के लिए अच्छे शिक्षकों और डाॅक्टरों को नियुक्ति दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा – नया रायपुर भारत में 21वीं सदी के प्रथम अत्याधुनिक शहर के रूप में विकसित हो रहा है। वहां सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश का बेहतर अवसर है। राज्य सरकार वहां व्यावसायिक काम्पलेक्स भी विकसित कर रही है। उद्योगों के लिए कु शल मानव संसाधन की जरूरत को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई पीढ़ी को कौशल उन्नयन का कानूनी अधिकार दिया है। राज्य के सभी 27 जिलों में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए लाइवलीहुड काॅलेज संचालित किए जा रहे हैं, ताकि वहां प्रशिक्षित होकर उन्हें स्थानीय स्तर पर और बाहर भी रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। डाॅ. सिंह ने कहा आज छत्तीसगढ़ में ट्रिपल आईटी, आईआईएम और एम्स जैसे उच्च शिक्षा संस्थान संचालित होने लगे हैं। मेडिकल काॅलेजों की संख्या तीन से बढ़कर 10 और इंजीनियरिंग काॅलेजों की संख्या 13 से बढ़कर 51 हो गई है।

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