मासूम बच्चों को दागने की कुप्रथा से मुक्त कराने कलेक्टर ने जिले के सरपंचों को लिखी चिट्ठी

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उदय सिंह सोमवंशी की रिपोर्ट

उमरिया. कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी ने जिले के सरपंचों को पत्र भेजकर अपील की है कि जिले में मासूम बच्चों को बीमारियों से निजात दिलाने हेतु गर्म सलाखों से दागने जैसी अमानवीय कुप्रथा को जड से समाप्त करने हेतु आगें आए। आपने बताया कि भ्रमण के दौरान आम जन से चर्चा में यह बात सामने आई है कि दीपावली के समय दागने वाले लोग ज्यादा सक्रिय हो जाते है । उन लोगो मे यह भी भ्रांति है कि त्यौहार के दौरान दागना ज्यादा लाभकारी होता है। कलेक्टर ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों विशेष रूप से ग्राम पंचायत के सरपंचों एवं पंचो से अपील की है कि वे अपने ग्राम पंचायत के सम्मिलित ग्रामों में विकास के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हुए इस सामाजिक कुप्रथा को समूल नष्ट करने हेतु पूरे मनोयोग से इस दायित्व का निर्वहन करेगे। जारी पत्र में कलेक्टर ने कहा है कि जिले में दागने की कुप्रथा को रोकने हेतु आपरेशन संजीवनी संचालित किया जा रहा है। ग्राम पंचायत सरपंच एवं पंच संबंधी क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक परिवेश तथा रीति रिवाज से भांलि भांति परिचित रहते है। इसलिए समाज में इस तरह की कुप्रथा को अपनाने वाले तथा दागने का कार्य करने वाले लोगों को चिन्हित कर उन्हें हतोत्साहित करें। इस कार्य में जागरूकता लाने हेतु स्थानीय विद्यालय के शिक्षको तथा आंगनबाडी कार्यकर्ताओ का भी सहयोग लिया जा सकता है। पूर्व में भी महिला बाल विकास विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिवासी विभाग के मैदानी अमले द्वारा इस कार्य में अच्छा सहयोग किया गया। अंत में कलेक्टर ने ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों से यह संकल्प लेने का आग्रह किया है कि अपनी पंचायत क्षेत्र अंतर्गत दगना जैसी अमानवीय, विकृत तथा कुरीति को जड से समाप्त करने में अपना हर संभव सहयोग देेगे।

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