जेल प्रहरी ने विचाराधीन कैदी को रक्तदान कर बचाई जान

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उमरिया. जिला जेल उमरिया में पदस्थ जेल प्रहरी मो0 शरीब अशरफी ने विचाराधीन कैदी दीपक महार को आपरेशन से पूर्व रक्तदान कर समाज क समक्ष मानवता की मिशाल पेश की है। दो माह पूर्व विचाराधीन कैदी किसी प्रकरण में जिला जेल उमरिया में निरूद्ध किया गया था। एनीमिया की वजह से वह रक्त अल्पता का शिकार हो गया था। हार्निया के कारण जब उसे पेट में दर्द हुआ तो चिकित्सा हेतु जिला अस्पताल उमरिया लाया गया, जहां सर्जन द्वारा आपरेशन की बात कही गई।
कैदी के आपरेशन के पूर्व आवश्यक चिकित्सा टेस्ट कराए गए, जिसमें खून की कमीं होना पाया गया। चिकित्सक की सलाह पर जिला जेल में प्रहरी के पद पर पदस्थ शरीब अशरफी ने एक यूनिट रक्तदान किया , जिसके बाद उसका आपरेशन संभव हो पाया। इसके पूर्व भी कैदी को दो यूनिट रक्तदान किया जा चुका था। जेल प्रहरी शरीब अशरफी ने कहा कि जिला जेल उमरिया मे निरूद्ध होने वाले कैदियों को जेलर एम एस मरावी के साथ मिलकर हम सब लोग उन्हें समाज का अच्छा नागरिक बनाने का प्रयास करते है।हम सबका प्रयास कैदियो का ह्दय परिवर्तन कर समाज की मुख्य धारा से जोडने का होता है । साथ ही कैदियों के दुख सुख में भी सहभागी बनते है। विचाराधीन कैदी दीपक महार का कहना है कि जेल प्रहरी अशरीफ भाई जान ने जो मानवीयता दिखाई है उसका एहसान हम कभी नही भूल पायेगे। जेल से छूटने के बाद मेरा यह प्रयास होगा कि हम समाज के सामने एक सुधरे हुए नागरिक की छवि प्रस्तुत कर सके। अब शेष जीवन में मेरा प्रयास होगा कि कोई भी ऐसा कार्य नही करें जिससे पुनः जेल जाने की नौबत आए।

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