मुरझाए पटना में लौटी भक्ति की रौनक

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पटना                                                                                                               
उमंगों का मेला है। हर तरफ भीड़ संग खुशी और उत्साह है। दिन में झालरों की चमक, तो रात में रंगीन-रौशनी का साम्राज्य। भव्य पंडालों में आस्था चरम पर है। खेल-खिलौने, मेला-ठेला सब कुछ है। और इन सबके बीच भीषण बारिश और जलजमाव से जूझ रहे और उबरे लोगों के मुरझाए चेहरों पर भक्ति की रौनक लौट आयी है। लोग दुर्गापूजा का चटक रंग देखने और खुशियां बटोरने घरों से निकल रहे हैं।  

गजबे मेला है…गजबे भीड़…धसरा धसरऊल हो रहा है भाई… हम कहे थे न डाकबंगला पर बहुते भीड़ होता है…देख कइसे सजा है डाकबंगला…युवक अपने साथी से कह ही रहा था कि दूसरा साथी बोला-जा-जा बाबा गिर गइलन…। मगर उसकी बातें लाउड स्पीकर की आवाज में गुम हो गईं। बाबा भी कईसे खड़ा हुए पता नहीं चला, तब तक सामने वाला दुकानदार बोला, तातल जलेबी खाइए, गोलगप्पा भी उड़ाइए…। पास में खिलौना बेच रहा आदमी टेरी मार दिया-पीपीहरी भी बजाइए…बाल-बच्चा को घुमाइए…डाक बंगला चौराहे का यह दृश्य और संवाद तो एक उदाहरण भर है, पूरी राजधानी दशहरा मेले के रंग में रंग गई है। हर जगह मेला है। मेले की मस्ती है। भक्ति का रंग है। आस्था का दरबार है। बस घूमते रहिए मेला। देखते रहिए मेला। 

अब जरा इनको देखिए-अपनी मैडम संग मेला घूमने आए हैं। मैडम मॉर्डन हैं और ये देखने से कॉरपोरेट वाले लगते हैं, लेकिन अपने बचवा को कंधे पर बिठाए हुए हैं। शायद अपने बाबूजी और अपने बचपन को फिर से जी रहे हैं…। जरा चाचा को देखिए। इ भी चाची संग मेला घूमने आए। झक्कास कुरता झाड़ के। चाची भी झमका के… लेकिन बार-बार चच्चा पर अंखिया तरेर रही हैं, गुलदस्ता खरीदने के लिए जोर दे रही हैं…। मौर्यालोक गेट पर तो गजबे हाल है। अपने दोस्तों संग बबुआ लोगों की बहार है। आइसक्रीम खा रहे हैं, गर्मी भगा रहे हैं, स्टाइल मार रहे हैं…। और इ देखिए, गजब का पंडाल, डाकबंगला पर मैसूर के श्रीकांतेश्वर मंदिर का दृश्य…। भीड़ इतनी कि पैर रखना मुश्किल। दूर से ही मां का दर्शन कर लोग आगे बढ़ रहे हैं। पुलिसवाले पूरे फॉर्म में दिख रहे हैं…। वीआइपी का ख्याल रख रहे हैं। यहां आकर लोग लाइट वाला मिक्की माउस, पोकोमैन, सांता क्लॉज को निहार रहे हैं। लगातार सेल्फी का दौर चल रहा है। मेला पूरी राजधानी में है। लोग एक-एक करके पंडाल-दर-पंडाल घूम रहे हैं और मेले का लुत्फ उठा रहे हैं।

लाइटिंग मोह रही
राजाबाजार में रौशनी का साम्राज्य है। रात के 9 बजे हैं। ओवरब्रिज की  लाइटिंग मन मोह रही है। शेखपुरा मोड़ से जगदेवपथ तक बस मेला ही मेला है। शेखपुरा मोड़ पर फूलों का पंडाल हर किसी को अपनी तरफ खींच रहा है। देसी-विदेशी आर्टिफिशियल फूलों की ऐसी सजावट है कि बस हर कोई देखता रह जा रहा है। राजाबाजार में गुफा के अंदर सजा मां का दरबार और जगदेव पथ मोड़ पर बुद्ध और मां दुर्गे का दर्शन एक साथ…। 

लजीज व्यंजन भी
बोरिंग रोड का आकर्षण हर किसी को अपने पास बुला रहा है। भव्य पंडाल तो है यहां आकर लजीज व्यंजन खाने वाले की भी खूब भीड़ है। गोलगप्पा, चाट, चाउमिन, जलेबी का बाजार सजा है। परिवार संग चटखारे लेने के लिए यहां जबर्दस्त भीड़ है। थोड़ा आगे आनंदपुरी हिमगिरी चौराहे पर एक अजीब अहसास से मन भर जा रहा है। पूरे पंडाल को 12 हजार किताबों से अल्फाबेटिकल तरीके से सजाया गया है। 

भक्ति की रसधारा
गर्दनीबाग में आस्था चरम पर है। शाम सात बजे हैं। कालीबाड़ी मंदिर में भक्ति की रसधारा बह रही है। शहर के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है। यहां बंगाली समुदाय के लोगों की भीड़ दिख रही है। वहीं आगे गौरिया मठ के पास अजीब नजारा है। माता चंद्रयान- 2 पर विराजी हैं और लोग यहां सेल्फी लेने के लिए होड़ मचाए हुए हैं। अंतरिक्ष यात्रा से जुड़ी झांकी भी लोगों को आकर्षित कर रही है। 

स्वच्छता का संदेश
गोविंदमित्रा रोड का भव्य पंडाल खास है। हर साल की तरह इस साल भी खूबसूरत पंडाल और लाइटिंग सबका ध्यान खींच रही है। पंडाल की भीतर के झालर एक अलग ही आकर्षण पैदा कर रहे हैं। राष्ट्रवाद और स्वच्छता का संदेश जगह-जगह मिल रहा है। युवा मूर्ति के सामने सेल्फी ले रहे हैं। गोविंदमित्रा रोड से आगे बढ़ने पर अशोक राजपथ पर जगह-जगह छोटे-छोटे पंडाल रूक करके देखने के लिए सबको मजबूर कर रहे हैं। 

डाकबंगला चौराहा
– मैसूर का श्रीकांतेश्वर मंदिर 
– 14 एल सेफ रोड पिलर में मां दुर्गा की पूजा की सारी विधियां 
– मिक्की माउस, पोकोमैन, सांता क्लाज लुभा रहा
– 40 से 50 फीट के दस भव्य एलईडी गेट
– मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गणेश पर छह भव्य गेट
– कबूतर, तोता, हंस, मोर आदि की जीवनशैली 

बोरिंग रोड चौराहा पूजा 
– बैलूर मठ सरीखा पूजा पंडाल  
– कोलकाता से मंगाया गया मां की प्रतिमा की ताज 
– चौराहे के चारों तरफ रॉलेक्स, एलईडी लाइटिंग की सजावट

गौड़िया मठ मीठापुर
– चंद्रयान 2 सरीखा पूजा पंडाल
– मां की भव्य 18 फुट की प्रतिमा
– डिजिटल ग्राफिक्स लाइट से सेना की वीर गाथा की झांकी
– विंग कमांडर अभिनंदन की भव्य प्रतिमा 
– सेल्फी प्वाइंट भी होगा 
– हर दिन महाभोग का वितरण और महाआरती होगी 

जगदेव पथ
– बुद्ध स्तूप जैसे पंडाल में प्रतिमा
– आसमान में 40 फीट तक चंद्रयान-2 उड़ेगा
– प्रतिमा, पूजन में बांग्ला संस्कृति की झलक, आकर्षक लाइटिंग

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