अजित जोगी की टक्कर का छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री चेहरा न होना ही दोनों दिल्ली संचालित पार्टीयों की चिंता का विषय : विक्रान्त तिवारी

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  • रमन और भूपेश अपने अपने पद को बचाने में, छत्तीसगढ़ियों को भूल बैठे हैं।

 

  • जोगी छत्तीसगढ़ियों की हर लड़ाई लड़ रहे है इसलिए दोनों राष्ट्रीय दाल जोगी से लड़ रहे हैं।

  • अगला चुनाव दिल्ली की पार्टियों ओर छत्तीसगढ़ियों के बीच।

  • महिलाओं पर राजनीति करने से अच्छा होता कि रमन सरकार जोगी जी की बात मान शराब बंदी लागू कर महिलाओ का सम्मान करती।

जोगी एक्सप्रेस 

बिलासपुर  जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भाजपा के चिंतन शिविर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में प्रादेशिक पार्टी के उदय ने दोनों ही राष्ट्रीय दलों को समय से पहले ही चिंतन करने में लगा दिया है। जहाँ अमूमन चुनाव के चंद माह पूर्व ही चिंतन शिविर, बूथ की बात और मुख्यमंत्री पर चर्चा हुआ करती थी वही जोगी जी की नई पार्टी ने चुनाव के पूर्व ही दोनों पार्टियों को इन बातों पे विचार करने पर मजबूर कर दिया है।जकाँछ प्रवक्ता विक्रान्त तिवारी ने कहा कि दोनों ही दिल्ली संचालित दल में सबसे बड़ा चितन का विषय है मुख्यमंत्री का चेहरा। जहाँ जनता काँग्रेस माननीय अजित जोगी जी के चेहरे के साथ जनता के बीच है वही उनकी टक्कर का कोई भी स्थानीय छत्तीसगढ़िया चेहरा दोनो ही पार्टी के पास नही है। ना ही दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के पास जोगी जी की तरह कोई एक सर्वमान्य नेता है। ऐसी स्थिति में दोनों ही पार्टियां चिंतन के दौर से गुजर रही हैं।प्रदेश में दोनो ही राष्ट्रीय पार्टी के नेता अपनी अपनी कुर्सियां अपनो से बचाने की जदोजहद में लगे हैं। जहां रमन सिंग को मुख्यमंत्री पद के लिए अपने ही बड़े नेताओं से चुनौती मिल रही है वहीं भूपेश भी अपने प्रदेश अध्यक्ष के पद को बचाने दिल्ली दौड़ रहे हैं।ऐसे में दोनों ही दल छत्तीसगढ़ ओर छत्तीसगढ़ियों को भूल गए हैं।जनता कांग्रेस के कार्यकर्ता और जोगी परिवार की सक्रियता भी प्रदेश के राजनीतिक माहौल की गर्माहट की एक बड़ी वजह है। क्योंकि श्री अजित जोगी जी जहाँ छत्तीसगढ़ियों की हर लड़ाई हर स्तर पर लड़ रहे है यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस मिल कर जोगी जी से लड़ रहे है। आने वाला 2018 का चुनाव दिल्ली की ताकत और छत्तीसगढ़ियों के बीच होना तय है।भाजपा के चितन शिविर में महिलाओं पर ज़ोर देने वाले बयान पर कटाछ करते हुए विक्रान्त ने कहा कि छत्तीसगढ़ की माताओं बहनों को वोट बैंक में तोल कर भाजपा ने अपना चुनावी चरित्र दिखाया है। महिलाओं पर राजनीति करने से अच्छा होता कि सरकार जोगी जी की बात मान कर शराब बंदी लागू करती और महिलाओं का सम्मान करती। किन्तु सरकार ने इसके विपरीत महिलाओ का तिरस्कार किया है जिसका हिसाब 2018 मे किया जाएगा।

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