स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने किया एच.आई.व्ही. वायरल लोड टेस्टिंग सेंटर का लोकार्पण

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एच.आई.व्ही. संक्रमितों के शरीर में दवाईयों का असर जांचने राज्य की पहली मशीन, मिलेगी निःशुल्क जांच की सुविधा

रायपुर. स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज रायपुर मेडिकल कॉलेज में एच.आई.व्ही. वायरल लोड टेस्टिंग सेंटर का लोकार्पण किया। यहां वायरल लोड टेस्टिंग मशीन लगने के बाद अब एच.आई.व्ही. संक्रमित व्यक्तियों के शरीर में वायरल लोड की जांच रायपुर में ही हो जाएगी। पहले इसकी जांच के लिए ब्लड सेंपल मुंबई या कोलकाता भेजना पड़ता था। पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के द्वितीय तल स्थित माइक्रोबायोलॉजी विभाग में स्थापित इस सेंटर में निःशुल्क जांच की सुविधा मिलेगी।
लोकार्पण कार्यक्रम में बच्चों को रोटा वायरस वैक्सीन भी पिलाया गया। छोटे बच्चों को डायरिया से बचाने अभी हाल ही में इस टीके को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण के विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, रायपुर उत्तर के विधायक श्री कुलदीप जुनेजा और रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि एच.आई.व्ही. वायरल लोड टेस्टिंग सेंटर शुरू होने से अब एच.आई.व्ही. संक्रमितों के शरीर में वायरस की मात्रा का पता रायपुर में ही लगाया जा सकेगा। इससे उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों को वर्तमान में ली जा रही दवाईयों का शरीर में कितना असर हो रहा है, इसकी भी जानकारी मिल पाएगी। इस मशीन के लगने से एच.आई.व्ही. संक्रमितों के इलाज की बेहतर व्यवस्था और प्रभावी प्रबंधन हो सकेगा।
श्री सिंहदेव ने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय (मेकाहारा) में राज्य की सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं, उपकरण और डॉक्टर मौजूद हैं। इन सुविधाओं की जानकारी लोगों को होनी चाहिए और इसका लाभ उन्हें मिलना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि रोटा वायरस वैक्सीन से प्रदेश में बाल मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। यदि हर बच्चे तक इस टीके की पांच-पांच बूंदे तीन बार पहुंचा सकें तो बाल मृत्यु दर में 50 फीसदी तक की कमी ला सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्था (NACO – National Aids Control Organization) द्वारा सभी राज्यों के लिए कुल 64 एच.आई.व्ही. वायरल लोड टेस्टिंग मशीन दी गई है। इनमें से 24 मशीनों से एच.आई.व्ही. संक्रमितों को जांच की सुविधा मिल रही है। छत्तीसगढ़ में यह पहली और एकमात्र मशीन है जिससे एड्स पीड़ितों में एच.आई.व्ही. संक्रमण की गंभीरता की मात्रात्मक जानकारी मिलेगी। प्रदेश में एच.आई.व्ही. पीड़ितों के लिए निःशुल्क सेवाओं और इलाज का दायरा बढ़ने के साथ ही उनकी जीवन प्रत्याशा बढ़ाने में वायरल लोड टेस्टिंग सेंटर से खासी मदद मिलेगी।
लोकार्पण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए.के. चन्द्राकर, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. एस.एल. आदिले, मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. आभा सिंह, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल तथा मेकाहारा के अधीक्षक डॉ. विवेक चौधरी सहित स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारी, डॉक्टर, मेडिकल और नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी मौजूद थे।

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