समाज के युवाओं से अपील शिक्षा के माध्यम से बदले समाज की तस्वीर:02 जुलाई ने भगवानु नायक की बदली तक़दीर

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जोगी एक्सप्रेस 

रायपुर आइये आज हम आप को एक उस  शख्स से मिलवाते है जिनकी सख्शियत   आज के युवाओ के लिए प्रेरणा बने जी हा एड भगवानु नायक एल.एल.बी., एलएल.एम., एम.एम.(राजनीति शास्त्र), पीजीडी इन क्रिमिनोलॉजी एन्ड फॉरेंसिक साइंस।ये उस सख्सियत की डिग्री है जिन्हों ने हिम्मत न हारते हुए पढाई को अपना अस्त्र बना कर रायपुर के युवाओ के लिए मिशाल कायम की .आइये जानते है भगवानु नायक जी से उन्ही की ज़ुबानी .उनके जीवन से जुड़े उन पहलु को जो एक मजबूत इच्छाशक्ति प्रदान करती है यदि इन्सान में लगन हो तो परिस्थितियों के विपरीत रह कर भी वह मंजिलो को केसे प्राप्त कर्ता है ,साथियों वर्षों पहले का एक वाक्या है जिसे मैं कभी नही भूल  कभी नही भूल  सकता जिसे मैं हर विशेष दिन में याद करता हूँ बात उस वक्त कि है जब मै दुर्गा कॉलेज में प्रथम वर्ष का छात्र था, अपने सेकंड हैंड पुरानी साइकिल से कॉलेज जाते वक्त अपने पिता को रायपुर की सड़कों पर रिक्शा चलाते देखा, उनके चेहरे में सिर्फ शारीरिक थकावट नही थी   और न ही पसीना  बह रहा था वरन अपने जीवन से लड़ते लड़ते पूरी तरह थका हुआ एक इंसान को  देखा था, उनकी आंखों में एक अंधेरे निराशाजनक भविष्य को भी मैं देख रहा था , एक इंसान जो मेरे पिता थे को पहली बार जानवरों सा काम करते देखा था, उस वक्त मैं अपने आंखों से बहते हुए आसुंओ को रोक नही सका  और वही आंसूआज  मेरे जीवन की  ताकत बन गए  । मैने अपने जीवन  में तमाम विपरीत परिस्थितियों का सामना किया गरीबी, अभाव और चुनौतियों से कभी घबराया नही बल्कि उसका डटकर मुकाबला किया । उस वाक्या को हमेशा अपने सीने से लगाकर रखा हूँ उसको हमेशा सींचता रहता हूँ क्योंकि मुझे उससे ताकत मिलती है। साथियों मेरे सँघर्ष का सफर जारी है, जीवन में अपने जैसे हज़ारो लाखों परिवार के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना रखता हूँ। साथ ही अपने समाज के युवाओं से अपील करता हूँ कि शिक्षा के माध्यम से अपने परिवार और समाज की तस्वीर बदलें।*

अंत में एक झुग्गी बस्ती में जन्मा, रिक्शा वाले का बेटा मैं  अपने जन्म दिन पर उन सभी हजारों सहयोगियों का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे मेरे जीवनकाल में स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने में  पेन, कापी, किताब खरीदने में और फीस जमा करने में , समाज से लेकर राजनीति में एक अच्छा मुकाम हासिल करने में, घर परिवार चलाने से लेकर रोजगार में , मेरे सुख और दुःख में मेरा प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से साथ दिया। पुनःआप सभी शुभचिंतकों, मित्रगणों, देवियों और सज्जनो से हमेशा की तरह प्रेम,आशीर्वाद और दुआओं की अपेक्षा करता हूँ और यह अनुरोध करता हूँ कि   मुझे आप लोगों के दुआओं की जरूरत है, मुझे अपने दुआओं में जरूर याद रखना।*

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