वन अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए: भूपेश बघेल

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अम्बिकापुर, रायपुर और जगदलपुर में आयोजित की जाएगी कार्यशाला
वन अधिकार अधिनियम के लिए गठित समितियों का किया जाएगा पुनर्गठन

रायपुर-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने आज यहां मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक में इसकेे लिए सरगुजा, रायपुर और बस्तर में कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि सरगुजा संभाग के मुख्यालय अम्बिकापुर में 28 मई को, रायपुर में 29 मई को और बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में 30 मई को इस कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री स्वयं, वन मंत्री, मुख्य सचिव तथा क्षेत्र के मंत्रीगण, विधायक, कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, वन और राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यशाला में उपस्थित रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि कार्यशाला में वन अधिकार अधिनियम के प्रावधानों की विस्तृत और स्पष्ट जानकारी दी जाए, जिससे इस अधिनियम का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से हो सके। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि अधिनियम के अनुसार सभी पात्र व्यक्तियों को वन अधिकार पट्टे दिए जाएं। उन्होंने सामुदायिक वन अधिकार पट्टे देने के निर्देश भी बैठक में दिए।

श्री बघेल ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत, जनपद और जिला स्तर पर गठित समितियों का पुनर्गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वन अधिकार पट्टे के लिए निरस्त किए गए आवेदनों पर फिर से विचार किया जाए।

श्री बघेल ने मानसून के पहले वन क्षेत्रों के गांवों में ग्राम वन समितियों के माध्यम से सब्जी और फलों के बीज वितरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अचानकमार अभ्यारण्य और कांगेर वेेली में फलदार वृक्षांे की प्रजातियों के बीज का हवाई छिड़काव करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वनों में मानसून के पहले बीजों का छिड़काव किया जाए, जिससे आने वाले समय में बंदर, भालू, शूकर जैसे पशुओं के लिए जंगल में ही आसानी से भोजन उपलब्ध हो सके।

मुख्यमंत्री ने राजस्व सचिव को निर्देश दिए कि सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा के प्रकरणों का निपटारा लोक सेवा गांरटी अधिनियम में निर्धारित की गई समय-सीमा में निराकरण तथा तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी की मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।

बैठक में मुख्य सचिव श्री सुनील कुमार कुजूर, वन विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के.खेतान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी.सिंह, मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के ग्रामीण विकास के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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