राकेश को मिल सकती है धनपुरी नगर के प्रतिनिधित्व की कमान ,साफ़ सुथरी छवि के कारण सब से प्रबल दावेदार

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धनपुरी नगर पालिका चुनाव का  हुआ शंख नाद 

 कई नाम और चर्चित चेहरे आमने सामने 

धनपुरी से प्रत्यासियो में मृद्भासी और मिलनसार छवी वालो में राकेश सोनी प्रथम दावेदार 

प्रमुख मांगे : फ़िल्टर पानी ,सुलभ शौचालय, हर चोराहे पर सार्वजनिक वाटर कूलर ,सफाई कर्मियों की नई  भर्ती. नगर के अंदर पार्क, शासकीय अस्फताल में स्टाफ की बढ़ोतरी  होगा प्रमुख मुद्दा ज्वाल मुखी मंदिर रोड का चोडी कारण,साप्ताहिक बाज़ार की  सुविधा , 

जोगी एक्सप्रेस 

धनपुरी से मोहम्मद शब्बीर की रिपोर्ट 

शहडोल म.प्र.धनपुरी /धनपुरी नगर पालिका चुनाव में इस बार कई दावेदार सामने आ रहे कुछ दावेदारों की छवि साफ़ सुथरी और सभी वर्गो के बीच अपनी अच्छी छवि  के लिए जाने जाते है ,वही हर धर्म और सम्प्रदाय के लोगो को बराबर सम्मान देते है ,सुख दुःख में कंधे से कन्धा मिलकर चलने वाले प्रत्यासियो में युवाओ की कोई कमी नहीं ,चुनाव नजदीक आते ही सभी पार्टिया अपने अपने जन प्रतिनिधियों को सभी वार्डो में भेज कर सघन जन संपर्क करा रही ,ताकि चुनाव में उनके प्रत्यशियो की दावेदारी स्र्दढ़ हो सके ,इसी कड़ी में भारती जनता पार्टी के सब से प्रबल दावेदारों में राकेश कुमार सोनी का नाम सबसे ऊपर हैयदि पार्टी टिकट राकेस कुमार को देती है तो निश्चय ही धनपुरी नगर में युवाओ का साथ उन्हें भरपूर मिलेगा  ,वही सोना चाँदी के व्यवसाई और नगर के सबसे मिलनसार युवा नेताओ में इनका नाम सबसे आगे है जहा तक हिन्दू मुस्लिम एकता और छवि की बात करे तो इनकी छवि काफी अच्छी है अब देखना ये है की क्या पार्टी इन्हे अपना प्रत्याशी होने के लिए टिकट देती है या नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा पंडित दीनदयाल उपध्यय जन्म शताब्दी  महासम्पर्क  अभियान के तहत नगर धनपुरी के सभी वार्डो में  जन संपर्क शुरू किया है इस बार नगरीय निकाय  चुनाव में युवा मतदाताओं की भूमिका अहम होगी। इसे देखते हुए सभी सियासी दल उनको अभी से साधने में लगे हैं। उनकी कोशिश है कि युवा उनसे जुड़ें। पहली-दूसरी बार मत का प्रयोग करने वाले इन युवा मतदाताओं की अंगुलियों में ही राजनीतिक दलों की ताकत घटाने व बढ़ाने की क्षमता निहित होगी। वैसे इस बार युवा किसे चुनेंगे यह जान पाना काफी मुश्किल है लेकिन उनके कई मुद्दे हो सकते हैं जैसे फ़िल्टर पानी  रोजगार उपलब्ध कराना, नगर की सफाई व्यवस्था , बेहतर शिक्षा व कानून व्यवस्था इस पर जिसे वे उपयुक्त समझेंगे उसे ही चुनेंगे। युवाओं को कम आंकना भारी हो सकता है क्योंकि वे पूरे वर्ष भ्रष्टाचार , घोटाले ,बेरोजगारी आदि मुद्दों पर काफी मुखर दिखे। इसी से वे नेताओं को आंकेंगे। चर्चा छिड़ने पर किसी भी मसले पर इतने तथ्य रखने की कूबत रखते हैं कि प्रश्नकर्ता संतुष्ट हो जाए। वे तर्क शक्ति से लबरेज हैं। हक के लिए किसी भी फोरम पर मुखर हो जाना यह दर्शाता है कि वे गलत कुछ बर्दाश्त नहीं करेंगे। युवाओं को देश का भविष्य, युवा भारत की नींव जैसी उपमाओं से नवाजा जाता है। युवाओं की सबसे बड़ी ¨चता अपने कैरियर व अपने सुनहरे भविष्य को लेकर है। इस विधानसभा चुनाव में हार-जीत की चाबी इनके ही हाथ होगी।

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