भू अभिलेख में बदला गया नाम:माला चौबे को कब मिलेगा इन्साफ

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जोगी एक्सप्रेस 

चिरमिरीभारत के  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक आह्वान पर चिरिमिरी के केराडोल में रहने वाली गरीब विधवा महिला माला चौबे ने खुद के गरीबी रेखा का राशनकार्ड होने के बावजूद साहसिक फैसला लेते हुए रसोई गैस की सब्सिडी लेने से इंकार कर दिया था जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसे धन्यवाद पत्र भी भेजा है, वही गरीब विधवा महिला अब अपने ही पति की जमीन पर अपना हक पाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रही है । बैकुंठपुर के एस डी एम ने उसे न्याय तो नहीं दिया अलबत्ता बिना उसका पक्ष सुने पूर्व के तहसीलदार के निर्णय को पलटते हुए उसे तथाकथित पत्नी बताकर उस जमीन के अभिलेखों में एक दुसरी महिला जो मृतक की पत्नी होने का दावा कर रही है, का नाम चढाने का आदेश जारी कर दिया । इस आदेश पर बहुत तेजी से अमल करते हुए नायब तहसीलदार बैकुंठपुर ने आनन फानन में उस महिला धनेश्वरी का नाम चढ़ा दिया और महिला ने जमीन पर निर्माण भी प्रारम्भ कर दिया । जब इस मामले की शिकायत सरगुजा के आयुक्त से की गई तो उन्होंने पहली सुनवाई में ही एस डी एम बैकुंठपुर के उपरोक्त आदेश के पालन पर आगामी सुनवाई तक रोक लगा दिया । लेकिन संभागीय आयुक्त के इस आदेश के बैकुंठपुर पहुचने के बाद भी उपरोक्त जमीन पर निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है ।

 लेकिन इसके कुछ समय बाद ही बैकुंठपुर की एक महिला धनेश्वरी राजवाड़े ने उपरोक्त जमीन पर अपना मकान बनाना प्रारंभ कर दिया, जिस पर रोक लगाने के लिए माला चौबे ने बैकुण्ठपुर तहसीलदार के साथ ही एस डी एम बैकुण्ठपुर एवं कलेक्टर कोरिया से उपरोक्त निर्माण पर रोक लगाने की गुहार की । तहसीलदार बैकुण्ठपुर ने पटवारी से रिपोर्ट मंगवाने के बाद उपरोक्त निर्माण पर स्थगन आदेश जारी कर दिया लेकिन इसका कोई असर धनेश्वरी राजवाड़े पर नहीं पड़ा और निर्माण बदस्तूर जारी रहा । उलटे इसके बाद उसने स्व. वीरेंद्र चौबे की पत्नी होने का दावा करते हुए उपरोक्त जमीन पर एस डी एम के यहाँ अपना दावा भी ठोक दिया । इस बीच स्व वीरेंद्र की माँ जगवंती ने भी तहसीलदार के आदेश से असंतुष्ट होकर उक्त जमीन पर अपना हक बताते हुए एस डी एम कोर्ट में अपील कर दिया । मजे की बात यह है उसी जमीन पर इस दावे की सुनवाई अभी चल ही रही है, फिर भी एस डी एम ने बिना किसी सुनवाई के एकपक्षीय फैसला सुनाते हुए उपरोक्त जमीन के अभिलेखों में धनेश्वरी चौबे(राजवाड़े) का नाम दर्ज करने का आदेश दे दिया और रोतोरात नाम दर्ज भी हो गया जिस पर अब सरगुजा संभाग के आयुक्त ने रोक लगा दी है ।

         सरगुजा संभाग के आयुक्त के आदेश के बावजूद उपरोक्त जमीन पर निर्माण जारी रहने तथा जिले के राजस्व अधिकारियों के निर्माण रोक पाने में असमर्थता को देखकर पीड़ित माला पांडेय को न्याय मिलने की आस अब धूमिल पड़ने लगी है । लेकिन उसे जमीन में अपना अधिकार नहीं मिल पाने से ज्यादा दुःख इस बात का है एस डी एम ने अपने आदेश में उसे तथाकथित पत्नी के शब्द से संबोधित किया है । भरे गले से माला पण्डे जब सवाल करती है कि एक राजस्व का अधिकारी यह कैसे तय कर सकता है कि कौन किसी की असली पत्नी है और कोन तथाकथित ? लेकिन इसके बाद दृढ़ स्वरों में माला पांडे कहती है कि अब उसके लिए यह लड़ाई जमीन की नहीं बल्कि सम्मान की हो गई है । और इसके लिए वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास तक जाने के लिए तैयार है ।

 

नसरीन अशरफ़ी

प्रदेश प्रतिनिधि जोगी एक्सप्रेस छत्तीसगढ़ 

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