भाजपा नेताओं का अनुसूचित के घर खाना सबसे बड़ा अपमान : सावित्री

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बहराइच : बहराइच सुरक्षित लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद साध्वी सावित्री बाई फुले के बगावती सुर थमने का नाम नहीं ले रहे है। सांसद ने योगी सरकार के ग्राम स्वराज अभियान के तहत गांव-गांव दलितों के घर जाकर नेताओं के समरसता भोज पर सवाल उठाए। कहा कि बीजेपी नेताओं का अनुसूचित जाति के घर जाना व उनके बीच खाना-पीना अनुसूचित जाति के लोगों का सबसे बड़ा अपमान है।

भाजपा सांसद गुरुवार को पीडब्ल्यूडी के डाक बंगले में संवाददाताओं से बातचीत कर रही थीं। अपनी पार्टी के नेताओं पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने भारतीय संविधान में जातीय व्यवस्था को खत्म करते हुए अनुसूचित जाति नाम दिया। यदि जाति व्यवस्था खत्म कर मानववाद की बात करते हुए भोजन किया जाए तो सभी का सम्मान होगा, लेकिन जाति का नाम लेकर भोजन करने वाले नेता सोशल मीडिया पर दलितों के साथ खाने की तस्वीरें फेसबुक व सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं जो अनुसूचित जाति का सबसे बड़ा अपमान है। अनुसूचित जाति के घर खाना खाने सब जा रहे हैं, लेकिन उनके हक की बात कोई नहीं करता। उन्होंने कहा कि खाना तो नेता अनुसूचित जाति के घर खाते हैं, लेकिन परोसने वाले दूसरे होते हैं। खाना होटलों से आता है। बर्तन कहीं और से आते हैं। अनुसूचित जाति का व्यक्ति न तो खाना बनाता है न ही परोसता है। अनुसूचित जाति का मजाक बनाया जा रहा है। इससे हम सहमत नहीं है। सांसद ने कहा कि कोई भी सरकार हो, वह सभी धर्म, जाति, वर्ग व संप्रदाय की होती है। सभी को साथ में लेकर काम करना चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए। अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अन्याय होने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि दलितों को न तो भरभेट भोजन मिल रहा है और न ही युवाओं को नौकरी या रोजगार। उन्होनें देश के अलग-अलग हिस्सों में डॉ.आंबेडकर की प्रतिमाओं पर बढ़ते हमले की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई। सांसद ने कहा कि भारत को आजादी दिलाने वाले डॉ. आंबेडकर ने सभी को बराबरी का दर्जा दिलाया, लेकिन जाति का नाम लेकर खाना खाने से बहुजन समाज का अपमान हो रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जाति आधारित जनगणना क्यों नहीं कराई जाती है? जैसी जिसकी संख्या भारी, उसकी उतनी भागदारी, सभी को बराबरी का हक मिलना चाहिए, लेकिन अनुसूचित जाति के साथ जो हो रहा है, उससे संतुष्ट नहीं हूं।

(साभार : दैनिक जागरण)

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