आदेश का नहीं हुआ पालन आज से अनशन पर रतन..

0

एफसीसी क्रिकेट टूर्नामेंट प्रशासन के लिये बन सकता है गले की फांस

शहडोल,राजा चौधरी,जिले के बुढा़र में अखिल भारतीय फ्रेंड्स कप क्रिकेट टूर्नामेंट के विरोध अब उग्र रुप लेनें लगा है , प्रशासन और अधिकारियों के सैकड़ों चक्कर काटनें और दर्जनों शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही न होनें से इसके विरोध में स्थानीय नेता व समाजसेवी रतन सोनी अनशन पर बैठनें का मन बना चुके हैं वहीं उनके इस अनशन की चर्चा न सिर्फ शहर में हलचल मचाये हुये है बल्कि प्रशासनिक अमले के लिये गले कि फांस भी बन सकता है ।
यह है मामला
जिले के बुढा़र में शासकीय लडसरिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के मैदान में पिछले 2 फरवरी से क्रिकेट महाकुंभ का पूरी ब्राडिंग करके शुरुआत कि गई , हर साल कि तरह इस वर्ष भी देश के विभिन्न राज्यों कि टीमें इसमें हिस्सा ले रही है और बडे जोर – शोर से क्रिकेट का मैच खेला जा रहा है वहीं इस पूरे टूर्नामेंट को आयोजक अपनी बड़ी उपलब्धि बता पीठ थपथपा रहे हैं।


क्यो हो रहा विरोध
स्थानीय स्तर पर होनें वाले इस टूर्नामेंट से वैसे तो किसी को एक राज नहीं है पर इस टूर्नामेंट के आयोजकों नें जिस तरह से पूरा प्रोग्राम सेट किया है वह सहज ही किसी को दुखी कर रहा है, स्थानीय स्तर पर जब इस टूर्नामेंट का दबी जुबान विरोध सामने आया तो स्थानीय स्तर पर कांग्रेस के नेता रतन सोनी नें इसकी अगुआई कि और विरोध के विभिन्न कारणों का उल्लेख कर सी एम हे लेप लाइन से लेकर जिले के उच्च प्रशासनिक हमले से इस टूर्नामेंट को नियत तिथि में बंद करवानें कि गुहार लगाई, रतन सोनी का कहना है कि वर्तमान समय में जिस तरह से नगर के बीचो-बीच स्थित सबसे ज्यादा शिक्षा छात्र संख्या वाले विद्यालय में यह टूर्नामेंट कराया जा रहा है उससे ना सिर्फ छात्रों के भविष्य पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है बल्कि ध्वनि व आवागमन से चल रही प्री बोर्ड व बोर्ड परीक्षा पर भी असर पड़ रहा है।
टूर्नामेंट स्थल से महज दस गज कि दूरी में शासकीय विद्यालय है जहां वर्तमान में छात्रों की परीक्षा चल रही है और उसी दौरान जमकर शोर – शराबा होता है जिससे छात्रों को अनुकूल वातावरण परीक्षा के लिये नहीं मिल पा रहा है और इसका असर उनके भविष्य पर पड़ेगा ।
बाद में हो सकता है खेल
रतन व विद्यालय में पढ़नें वाले छात्र व उनके अभिभावको कि मानें तो उन्हें खेल से कोई परहेज नहीं है पर वर्तमान में इस टूर्नामेंट से बच्चों कि पढ़ाई व परीक्षा पर सीधा असर पड़ रहा है उनकी मांग है उक्त टूर्नामेंट कहीं अन्य करा लिया जाये या परीक्षा के बाद कराया जाये।

दर्जनों शिकायत पर कार्यवाही शून्य

उक्त टूर्नामेंट के इस मामले को लेकर संचानालय मध्य प्रदेश शासन के आदेश को संलग्न कर दर्जनों शिकायते जिला प्रशासन व राज्य स्तर पर कि गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई और टूर्नामेंट शोर – गुल के साथ शुरु हो गया रतन कि कहना है इसका विरोध स्थानीय स्तर पर तो है पर प्रशासन कार्यवाही के बजाये मूक संरक्षण प्रदान करता दिखाई दे रहा है जिसके विरोध में अब गांधी गिरी के अलावा कोई अन्य विकल्प नजर नहीं आ रहा।
नेता का प्रभुत्व प्रशासन फुस्स
रतन का कहना है यह पूरा टूर्नामेंट पैसे कमानें व अपनी ब्राडिंग के लिये भाजपा के नेताओं के इशारे पर चल रहा है जिनके प्रभुत्व के कारण प्रशासन चुप्पी साधे हुये है , जिला प्रशासन के समस्त अधिकारियों के पास सैकड़ों शिकायत करनें के बाद भी प्रशासनिक अमला कोई ठोस कार्यवाही करनें की बजाये मूक समर्थन देता नजर आ रहा है शासन और प्रशासन के आदेश भी इनके लिये कोई मायने नहीं रखते अगर प्रशासन जब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाता तब तक उनके द्वारा अनशन जारी रखा जायेगा ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *