भारत ने उठाया सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल

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संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते इसमें पारदर्शिता का अभाव बताया है। भातर का कहना है कि वीटो सदस्य बिना कारण बताए किसी भी प्रस्ताव को रोक देते हैं, भले ही उसके पक्ष में कितने ही पुष्ट प्रमाण हों। भारत ने यह हमला पाकिस्तान में शरण पाए आतंकी सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित होने से बचाने के चीन के लगातार प्रयासों पर किया है।

सुरक्षा परिषद की कार्यप्रणाली पर आयोजित खुली बहस में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ज्यादातर मौकों पर वीटो के इस्तेमाल पर अन्य देश नहीं जान पाते कि उसका इस्तेमाल क्यों किया गया है। ऐसा ही बिना कोई कारण बताए एक आतंकी को बचाने के लिए किया जा रहा है।

अकबरुद्दीन ने इस दौरान किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन उनका इशारा चीन की ओर था। उल्लेखनीय है कि पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमलों समेत कई अन्य हमलों में भागीदारी के लिए भारत ने जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में रखा है।

उल्लेखनीय है कि 15 सदस्यीय दुनिया की इस सबसे शक्तिशाली संस्था में पांच स्थायी सदस्य- अमरीका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन हैं। इन सभी को वीटो अधिकार प्राप्त है। ये किसी भी प्रस्ताव को बिना किसी कारण बताए रोक सकते हैं। बाकी के दस सदस्य अस्थायी होते हैं, जो बदलते रहते हैं।

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर मुद्दा उठाकर सुरक्षा परिषद के संकल्प के अनुरूप वहां की आबादी को आत्मनिर्णय का अधिकार दिए जाने की मांग की है। पाकिस्तान ने कहा, क्षेत्रीय शांति के लिए कश्मीर मसला सुलझना बहुत जरूरी है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी पर उस पर ध्यान दे।

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