छत्तीसगढ़ के जनजीवन में दिखाई दे रही गणतंत्र की महत्ता : डॉ. रमन सिंह

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मुख्यमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर जगदलपुर के लालबाग मैदान से प्रदेश की जनता को किया सम्बोधित

रायपुर :ख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ में गणतंत्र की महत्ता की संविधान की किताबों में खोजना नहीं पड़ता बल्कि यह नागरिक सशक्तिकरण के माध्यम से जनजीवन में दिखाई दे रहा है।
डॉ. सिंह ने आज प्रदेश के जिला मुख्यालय जगदलपुर (बस्तर) में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने जनता के नाम अपने गणतंत्र दिवस संदेश में छत्तीसगढ़ राज्य की सौगात देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी बाजपेयी और ’एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ तथा नये भारत का लक्ष्य देने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. सिंह ने देश की आजादी की लड़ाई में वीर सपूतों के योगदान को भी याद किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में आजादी की लड़ाई की कमान सबसे पहले आदिवासी समाज के शूरवीरों गैंदसिंह जी, गुण्डाधूर जी, वीर नारायण सिंह जी ने संभाली थी और शहादत देकर छत्तीसगढ़ को देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने की परम्परा से जोड़ दिया था, जिसका निर्वाह निरंतर होता रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा-छत्तीसगढ़ का जन-मानस विकास तथा खुशहाली के समग्र प्रयासों में न सिर्फ भागीदार बन रहा है, बल्कि स्व-स्फूर्त कदम भी उठा रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ को देश का सबसे उन्नत, विकसित और खुशहाल राज्य बनने से कोई भी ताकत रोक नहीं पाएगी। डॉ. सिंह ने प्रदेश के विकास के लिए जनता-जनार्दन के सहयोग और समर्थन की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा- प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जीएसटी और नई खनिज नीति लागू की तथा राज्यों के वित्तीय संसाधनों में अभूतपूर्व वृद्धि करके संविधान की मंशा ’ सहकारी संघवाद’ का सम्मान किया है। डॉ. रमन सिंह ने जगदलपुर के लालबाग मैदान में आयोजित समारोह में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। उन्होंने जनता को सम्बोधित करते हुए राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी। डॉ. सिंह ने कहा प्रदेश में कटाई के बाद खेतों में फसलों के अवशेषों को जलाने की प्रथा को रोकने के लिए एक तरफ जहां प्रतिबंध लगाने जैसे कानूनी उपाय किए गए हैं, वहीं दूसरी ओर इन अवशेषों से खाद बनाने के लिए प्रति एकड़ एक हजार रूपए की सहायता किसानों को दी जा रही है।

डॉ. सिंह ने अपने संदेश में अगले पांच माह के भीतर पांच लाख घरों में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री सहज बिजली-हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत इस वर्ष सितम्बर माह तक शेष पांच लाख घरों में भी बिजली पहुंचा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ऊर्जा प्रवाह योजना के माध्यम से 306 नये विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 36 का लोकार्पण भी कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 32 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसमें से 27 हजार किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। राज्य के विभिन्न स्थानों और प्रमुख शहरों के बीच नॉन-स्टॉप तीव्र गति ए.सी. बस सेवा शीघ्र शुरू की जाएगी, जिसके लिए 18 प्रमुख मार्गों का चयन किया गया है। प्रदूषणमुक्त परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-रिक्शा, ई-कार्ट वाहनों को 5 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत करमुक्त किया गया है।

लम्बे समय तक छत्तीसगढ़ का एकमात्र हवाई अड्डा माना-रायपुर में ही रहा है, लेकिन हमने विमानन अधोसंरचना का विस्तार अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर, बलरामपुर, जशपुर में भी किया है। बीजापुर, दंतेवाड़ा में हवाई पट्टी का निर्माण किया तथा कोण्डातराई (रायगढ़) में हवाई पट्टी का उन्नयन प्रस्तावित है। रीजनल कनेक्टिविटी- ‘उड़ान’ योजना के लिए अंबिकापुर तथा रायगढ़ को अधिसूचित किया जा चुका है। हमारा प्रयास है कि रायपुर-जगदलपुर-अंबिकापुर के बीच सस्ती विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ हो जाए।

डीएमएफ से मिली 2600 करोड़ की योजनाओं को मंजूरी
मुख्यमंत्री ने कहा-प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इतिहास में पहली बार प्राकृतिक संसाधनों और मूल्यवान खनिजों को धारण करने वाली धरती माता के सहारे जीवन बिताने वाली स्थानीय आबादी के जीवन में आशा की नई किरण जगाई है। डी.एम.एफ. के माध्यम से 26 सौ करोड़ रूपए की विकास योजनाओं की मंजूरी, इसका जीता-जागता प्रमाण है।डी.एम.एफ. के सदुपयोग हेतु हमारा प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
उपजाऊ खेत और अमूल्य वन संपदा छत्तीसगढ़ की एक विशिष्ट पहचान है, लेकिन छत्तीसगढ़वासी कृषि-उपजों और वन-उपजों से अपने जीवन में खुशहाली की बरसों से बाट जोह रहे थे। हमने किसान भाई-बहनों और वनवासी परिवारों की आमदनी बढ़ाने के सतत् प्रयास किए। कृषि लागत कम करने के लिए हमने बिना ब्याज कृषि ऋण उपलब्ध कराया है। ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ के वितरण तथा मिट्टी नमूना परीक्षण में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य बना है, जिसकी सराहना भारत सरकार द्वारा की गई है।

डॉ. सिंह ने कहा -किसानों को अपनी उपज का बेहतर दाम दिलाने के लिए प्रदेश की 14 मण्डियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार ‘ई-नाम’ से जोड़ा जा चुका है। ताजे फल तथा सब्जियों के लिए धमतरी में ‘किसान उपभोक्ता बाजार’ का प्रयोग सफल रहा है, जिसके आधार पर 6 अन्य स्थानों पर ऐसे बाजार विकसित किए जा रहे हैं, जिससे उपज, क्रेता तथा विक्रेता के बीच से बिचौलियों को हटाया जा सके।

उन्होंने कहा – उद्यानिकी फसलों के रकबे में वृद्धि तथा उत्पादन में किसानों की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए ‘एग्रो-फॉरेस्ट्री योजना’ शुरू की गई है, जिसके तहत रिक्त पड़त भूमि तथा मेड़ों पर बांस, खम्हार, खमेर आदि 23 प्रजातियों के वृक्षों की कटाई तथा परिवहन को राज्य में वन अधिनियम से छूट दी गई है। इसी प्रकार खजूर, ऑइल पॉम तथा जैतून जैसी फसलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशु-धन विकास तथा मछली पालन हेतु भी अनेक सुविधाएं दी गई हैं। 4 लाख 70 हजार कृषि पम्पों को पात्रता अनुसार 7 हजार 500 यूनिट तक एवं अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति के किसानों को पूर्णतः निःशुल्क बिजली दी जा रही है। बिजली पहुंचविहीन खेतों के लिए सौर-सुजला योजना शुरू की और नाममात्र दाम पर सोलर-पम्प उपलब्ध कराने का अभियान छेड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा- हमने धान, मक्का, गन्ना खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था की है। सर्वाधिक धान खरीदी और तुरन्त भुगतान का कीर्तिमान बनाया है। धान तथा तेन्दूपत्ता पर बोनस दिया है। आगामी वर्ष के लिए भी बोनस की घोषणा कर दी गई है। तेन्दूपत्ता के अलावा अन्य निर्धारित लघु वनोपजों की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था की गई है।डॉ. रमन सिंह ने अपने गणतंत्र दिवस संदेश आगे कहा- एकात्म मानववाद तथा अंत्योदय के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय के आदर्शों को राज्य की नीतियों, योजनाओं, कार्यक्रमों में उतारा, जिसके कारण हमें समाज के सबसे पिछड़े तबकों तथा क्षेत्रों को तेजी से विकास के रास्ते पर ले जाने में मदद मिली।

जाति नामों के उच्चारण विभेदों को मिली मान्यता
उन्होंने कहा-हमारे ध्यान में यह बात आई कि अनुसूचित जनजातियों तथा अनुसूचित जातियों के नाम अधिसूचित करने में, अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद में उच्चारणगत विभेद आ जाने के कारण 22 अनुसूचित जनजातियों तथा 5 अनुसूचित जातियों के जाति प्रमाण पत्र बनाने में तकलीफ हो रही है, तो हमने हिन्दी में उच्चारण, लेखन तथा ध्वनि के विभेदों को मान्य करने का निर्णय ले लिया, ताकि इन कारणों से प्रमाण-पत्र बनाने में कोई दिक्कत न आए।

पिछड़े वर्गों में उन्नत व्यक्ति आय सीमा 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रूपए
मुख्यमंत्री ने कहा- अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण के दायरे में सामाजिक रूप से उन्नत व्यक्तियों के निर्धारण हेतु वर्तमान में निर्धारित वार्षिक आय-सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रूपए कर दिया गया है।

सभी वर्गों को पर्याप्त बिजली
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रदेश में चहुंओर बिजली के उत्पादन-पारेषण-वितरण को लेकर बड़े पैमाने पर सुधार और विस्तार कार्य किए गए, जिससे सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति की जा रही है। पारेषण क्षमता 1 हजार 610 एम.वी.ए. से बढ़कर 6 हजार 510 एम.वी.ए. हो गई है। बस्तर में बिजली प्रदाय की दोहरी व्यवस्था की गई है, जिसके तहत 220 के.वी. भिलाई-गुरूर-बारसूर लाइन, 132 के.वी. गुरूर-कांकेर-कोण्डागांव-जगदलपुर लाइन के अलावा 400 के.वी. की नवनिर्मित रायता (रायपुर)-जगदलपुर लाइन भी चालू कर दी गई है।

शानदार सड़कों का जाल बिछाने में बड़ी प्रगति
उन्होंने कहा-प्रदेश भर में शानदार सड़कों का जाल बिछाने में बड़ी प्रगति दर्ज की गई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 32 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिली, जिसमें से 27 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। शहरों से लेकर गांवों तक चारों ओर सरल, सुगम परिवहन और विकास के रास्ते खुल गए हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 2 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण की मंजूरी मिली है, जिसमें से 13 सौ किलोमीटर से अधिक सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है और शेष कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाएंगे।

जल्द शुरू होगी नॉन-स्टॉप ए.सी. बस सेवा
डॉ. रमन सिंह ने जनता को बताया-राज्य के विभिन्न स्थानों और प्रमुख शहरों के बीच नॉन-स्टॉप तीव्र गति ए.सी. बस सेवा शीघ्र शुरू की जाएगी, जिसके लिए 18 प्रमुख मार्गों का चयन किया गया है। प्रदूषणमुक्त परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ई-रिक्शा, ई-कार्ट वाहनों को 5 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत करमुक्त किया गया है।

विमानन अधोसंरचना का विस्तार
उन्होंने बताया-लम्बे समय तक छत्तीसगढ़ का एकमात्र हवाई अड्डा माना-रायपुर में ही रहा है, लेकिन हमने विमानन अधोसंरचना का विस्तार अंबिकापुर, जगदलपुर, बिलासपुर, बलरामपुर, जशपुर में भी किया है। बीजापुर, दंतेवाड़ा में हवाई पट्टी का निर्माण किया तथा कोण्डातराई (रायगढ़) में हवाई पट्टी का उन्नयन प्रस्तावित है। रीजनल कनेक्टिविटी- ‘उड़ान’ योजना के लिए अंबिकापुर तथा रायगढ़ को अधिसूचित किया जा चुका है। हमारा प्रयास है कि रायपुर-जगदलपुर-अंबिकापुर के बीच सस्ती विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ हो जाए।

रेलवे नेटवर्क का विस्तार
मुख्यमंत्री ने कहा-प्रचलित परिपाटी से अलग हटकर हमने प्रदेश में रेलवे नेटवर्क के विकास की परियोजना बनाई, जिसके कारण छत्तीसगढ़ में ईस्ट कॉरिडोर, ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर तथा दल्लीराजहरा-रावघाट परियोजना के माध्यम से राज्य में पहली बार आदिवासी और दूरस्थ अंचलों में रेल परिवहन की सुविधा पहुंचेगी। मेरा विश्वास है कि वर्तमान एक हजार 187 किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को दोगुने से अधिक करने का हमारा लक्ष्य निर्धारित समय में पूरा होगा। बस्तर में गुदुम से भानुप्रतापपुर तक रेलवे लाइन का निर्माण तथा इस मार्ग पर इंजन के परिचालन का सफल परीक्षण भी किया जा चुका है।

बड़े उद्योगों में 69 हजार करोड़ का पूंजी निवेश
उन्होंने कहा- छत्तीसगढ़ के संसाधनों के युक्तियुक्त दोहन की आकर्षक नीतियों, तेजी से कार्य निष्पादन के लिए कार्यप्रणाली में सुधार और नवाचार के कारण सर्वांगीण विकास का जो उत्साहजनक वातावरण बना है, उसके कारण प्रदेश में पूंजी-निवेश निरंतर बढ़ रहा है। बड़े उद्योगों में 69 हजार करोड़ रूपए का पूंजी-निवेश किया जा चुका है, जिनमें से 54 परियोजनाओं में उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। ‘मेक इन इण्डिया’ के तहत खाद्य प्रसंस्करण, आई.टी., ऑटो मोबाइल, इंजीनियरिंग, लघु वनोपज उत्पाद, रक्षा उपकरण विनिर्माण, इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण आदि को विशेष प्राथमिकता श्रेणी में रखा गया है।

डॉ. सिंह ने कहा- प्रधानमंत्री जी के आव्हान पर हमने प्रदेश में ‘स्टार्ट-अप छत्तीसगढ़’ योजना शुरू की है, जिसके लिए व्यापक खुलेपन के साथ प्रस्ताव आमंत्रित किए गए और प्राप्त 4 हजार अवधारणाओं में से 40 का चयन प्रथम चरण में किया गया है। ‘स्टार्ट-अप’ को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेटर ‘36-आई.एन.सी.’ स्थापित किया गया है। टेकनार, जिला दंतेवाड़ा तथा लखनपुरी, जिला कांकेर में औद्योगिक क्षेत्र, ग्राम बगौद, जिला धमतरी में ‘फूडपार्क’ तथा नया रायपुर में ‘इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग पार्क’ एवं ‘लॉजिस्टिक्स क्षेत्र’ की स्थापना की जा रही है।

बस्तर में 105 करोड़ की लागत से मक्का प्रसंस्करण केन्द्र
मुख्यमंत्री ने कहा-बस्तर में मक्के की खेती को प्रोत्साहन देने की रणनीति अपनाई गई। मक्के की खरीदी तथा इसके उपयोग की व्यवस्था की गई है और 105 करोड़ रूपए की लागत से मक्का प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रगति पर है। एन.एम.डी.सी. का नगरनार स्टील लांट इस वर्ष प्रारंभ होने की संभावना है। इस प्रकार प्रदेश के अन्य हिस्सों के साथ बस्तर में भी उद्योग, रोजगार तथा जीवन-स्तर उन्नयन की एक नई यात्रा शुरू होगी।

छत्तीसगढ़ के ’अभियान लक्ष्य भागीरथी’ को राष्ट्रव्यापी सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रदेश में सिंचाई क्षमता के तीव्र विकास में हमारी विशेष पहल ‘अभियान लक्ष्य भागीरथी’ को राष्ट्रव्यापी सराहना मिली है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने इसे अन्य राज्यों के लिए ‘रोल मॉडल’ निरूपित किया है।

प्रदेश में नदियों को जोड़ने की परियोजना
उन्होंने बताया -राज्य की नदियों को आपस में जोड़ने की अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत महानदी-तांदुला, पैरी-महानदी, रेहर-अटैम, अहिरन-खारंग, हसदेव-केवई आदि लिंक परियोजनाओं को चिन्हांकित किया गया है।

स्वास्थ्य बीमा अब 30 हजार से बढ़कर 50 हजार
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को बताया-राज्य में उपचार और चिकित्सा शिक्षा की संस्थाओं में विस्तार किया गया। स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत निःशुल्क उपचार हेतु दी जाने वाली राशि 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रूपए की गई है। मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना, मुख्यमंत्री बाल मधुमेह सुरक्षा योजना, पोषण पुनर्वास केन्द्र, आयुष मेले जैसे नवाचारी उपाय कारगर सिद्ध हुए हैं।

महतारी एक्सप्रेस से 24 लाख महिलाओं मिला फायदा
उन्होंने बताया- 102 महतारी एक्सप्रेस से 24 लाख गर्भवती महिलाओं को, 108 संजीवनी एक्सप्रेस से 12 लाख तथा 104 स्वास्थ्य परामर्श सेवा से 22 लाख लोगों को, चिरायु से 60 लाख बच्चों को जांच का तथा 16 लाख बच्चों को उपचार का लाभ मिला है।

उज्ज्वला योजना में 18 लाख परिवारों को मिला रसोई गैस कनेक्शन
डॉ. रमन सिंह ने कहा-‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के माध्यम से छत्तीसगढ़ में 35 लाख के लक्ष्य के विरूद्ध अल्पकाल में ही हमने 18 लाख परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराते हुए धुआं और आंख दर्द से छुटकारा दिलाया है। हमें न सिर्फ गरीब परिवारों को धुआंमुक्त रसोई उपलब्ध कराने का सौभाग्य मिला है, बल्कि दुर्गम क्षेत्रों में कृषि साख सहकारी समिति, आदिम जाति सेवा सहकारी समिति को वितरक नियुक्त करने का अवसर भी मिला। इस तरह दूरस्थ गांवों में लोगों को न सिर्फ रसोई गैस कनेक्शन मिल रहे हैं, बल्कि लगभग 100 वितरक भी नियुक्त हो गए हैं। खाद्य-पोषण सुरक्षा अभियान 82 प्रतिशत आबादी तक पहुंचा
मुख्यमंत्री ने कहा- खाद्य एवं पोषण सुरक्षा को लेकर हमारा अभियान प्रदेश की 82 प्रतिशत आबादी अर्थात् 2 करोड़ 10 लाख जनसंख्या तक पहुंच गया है। उचित मूल्य दुकानों की संख्या बढ़ाते हुए 11 हजार 898 कर दी गई है और इनको कम्प्यूटरीकृत किया गया है। अब रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, धमतरी, रायगढ़ तथा कोरबा में ‘कोर-पी.डी.एस. मेरी मर्जी’ योजना के तहत हितग्राही अपनी पसंद की दुकान से सामग्री ले सकते हैं। राशन-उपभोक्ताओं के सशक्तीकरण का यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है।विकास के साथ पर्यावरण संतुलन और संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। रिक्त वन क्षेत्रों से लेकर किसानों की पड़त भूमि, सड़़क किनारे खाली राजस्व भूमि, स्कूल-कॉलेज व शासकीय जमीन आदि पर लगभग 7 करोड़ पौधों का रोपण ‘हरियर छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम के तहत किया गया है। ‘कैम्पा’ मद से 87 नगरों की लगभग 12 सौ हेक्टेयर भूमि में ‘ऑक्सी-वन’ विकसित किए गए हैं। वानिकी विस्तार को नक्सल प्रभावित तथा अन्य पिछड़े अंचलों में स्थानीय आबादी की आय से भी जोड़ते हुए 21 हजार किसानों की पड़त भूमि पर करीब 3 करोड़ पौधों का रोपण किया गया है।

स्वच्छ भारत बनाने में छत्तीसगढ़ रहेगा अग्रणी
डॉ. रमन सिंह ने कहा- माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने लालकिले की प्राचीर से ‘स्वच्छ भारत’ बनाने का जो आव्हान किया था, उसे समय के पहले पूरा करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ अग्रणी रहेगा। इस दिशा में जनता के सहयोग से की गई प्रगति सराहनीय है।
प्रदेश के 168 शहर और 18 हजार से ज्यादा गांव ओडीएफ घोषित
मुख्यमंत्री ने कहा- स्वच्छ भारत मिशन के तहत राज्य के समस्त 168 नगरीय निकायों तथा 18 हजार 851 गांवों को ओ.डी.एफ. घोषित किया जा चुका है। इसके साथ ही शेष कार्य 2 अक्टूबर 2018 के पहले पूरा करने का लक्ष्य है। जिला, विकासखण्ड व ग्राम पंचायत स्तर पर ओ.डी.एफ. ‘स्थायित्व अवार्ड’ शुरू किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री आवास योजना: अब तक 2.16 लाख आवास निर्माण पूर्ण
डॉ. रमन सिंह ने बताया-प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 6 लाख 68 हजार आवास बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 2 लाख 16 हजार आवास बनाए जा चुके हैं। इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में 4 लाख आवास निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध लगभग 16 हजार आवासों का निर्माण शुरू हुआ, जिसमें से लगभग 11 सौ का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

नक्सल प्रभावित 8 जिलों में 86 नई बैंक शाखाएं
उन्होंने बताया-नक्सल प्रभावित 8 जिलों में ढाई वर्ष में 86 नई बैंक शाखाएं खोली गई हैं। जन-धन खाता खोलने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में सर्वप्रथम रहा है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना के माध्यम से 55 लाख लोगों को सुरक्षा कवच मिला है।

शिक्षा के माध्यम से नई पीढ़ी का निर्माण
डॉ. सिंह ने कहा- छत्तीसगढ़ में शिक्षा के माध्यम से नई पीढ़ी के निर्माण का अभियान जोर-शोर से चल रहा है। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के अनेक कदम उठाए गए हैं। ‘शाला कोष योजना’ के अंतर्गत समस्त शालाओं को ‘टैब’ प्रदान किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों की उपस्थिति तथा योजनाओं की मॉनीटरिंग की जाएगी।

छात्र दुर्घटना बीमा 10 हजार से बढ़ाकर एक लाख
उन्होंने बताया-छात्र दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत बीमित राशि को 10 हजार रूपए से बढ़ाकर एक लाख रूपए कर दिया गया है। शिक्षकों की क्षमता के विकास हेतु प्रशिक्षण तथा सहयोगी सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है। ‘सरस्वती सायकल योजना’ के कारण बालिकाओं का ‘ड्रॉप आउट रेट’ 11 प्रतिशत से घटकरएक प्रतिशत आ जाना सराहनीय है।

उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ
मुख्यमंत्री ने कहा-उच्च शिक्षा संस्थानों में ‘गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ’ का गठन, ‘नैक’ से मूल्यांकन, विभिन्न पदों पर भर्ती, नवीन पाठ्यक्रम आदि प्रयासों का असर दिखाई पड़ रहा है। आई.आई.टी., एन.आई.टी., ट्रिपल-आई.टी., एम्स, एच.एन.एल.यू, आई.आई.एम. जैसी संस्थाओं की उपस्थिति से हमारे युवाओं में प्रेरणा का स्तर बढ़ा है और बड़ी संख्या में युवा उच्च संस्थाओं में प्रवेश पा रहे हैं। इस क्रम में हमारे अनुसूचित जाति-जनजाति के युवाओं की भागीदारी भी बहुत उत्साहवर्धक है।

प्रयास संस्थाओं से आदिवासी अंचलों में नई आशा का संचार
उन्होंने कहा-‘प्रयास’ संस्था में पढ़ने वाले बच्चे बड़ी-बड़ी संस्थाओं में प्रवेश पा रहे हैं, जिससे दुर्गम आदिवासी अंचलों में भी नई आशा का संचार हुआ है। इन वर्गों के युवाओं ने यू.पी.एस.सी. तथा पी.एस.सी. में सफल होकर अपनी प्रतिभा और हमारे प्रयासों की सफलता को सिद्ध किया है। हमने युवाओं के बहुआयामी विकास की रणनीति अपनाई है, ताकि वे शिक्षा के अलावा अन्य रास्तों से भी अपनी सफलता सुनिश्चित कर सकें।

राज्य की नई खेल नीति जारी
मुख्यमंत्री ने कहा-राज्य की नई खेल नीति जारी कर दी गई है। खेलों को प्रोत्साहन देने हेतु नए नियम बनाए जा रहे हैं। युवा शक्ति के माध्यम से नेतृत्व तथा व्यक्तित्व विकास की योजना शुरू की गई है। रायपुर तथा बिलासपुर में ‘सिंथेटिक सतह वाला एथलेटिक्स स्टेडियम’ पूर्णता की ओर है। जशपुर में ‘सिंथेटिक सतह का हॉकी स्टेडियम’ विकसित किया जा रहा है। खेल पुरस्कार, आर्थिक सहायता तथा प्रोत्साहन संबंधी आवेदन भी ऑनलाइन कर दिए गए हैं, ताकि खेल तथा प्रतिभाओं का विकास पारदर्शी तरीके से हो सके।

श्रमिक कल्याण को प्राथमिकता
उन्होंने कहा- राज्य में विकास और खुशहाली की इबारत लिखते समय उसमें श्रमिक कल्याण का ध्यान भी प्राथमिकता से रखा गया है। राज्य में श्रमिकों तथा उनके परिवारजनों की विभिन्न आवश्यकताओं के अनुरूप 50 से अधिक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। हाल ही में ‘पं. दीनदयाल श्रम अन्न सहायता योजना’ के अंतर्गत चावड़ी में केन्द्र स्थापित करते हुए मात्र 5 रूपए में गरम पौष्टिक भोजन देने की व्यवस्था रायपुर में शुरू की गई है। इस योजना का विस्तार अन्य जिलों में शीघ्र किया जाएगा।

डिजिटल क्रांति में भी छत्तीसगढ़ को अग्रणी रखने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा-वर्तमान दौर ‘डिजिटल-टेलीकॉम क्रान्ति’ का है, जो विकास की सूरत ही नहीं, बल्कि विकास के मायने भी बदल देगा। हमने छत्तीसगढ़ को इस क्रान्ति में अग्रणी रखने का संकल्प लिया है और इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ने की रणनीति अपनाई है। हमारे प्रदेश में कोई क्षेत्र पहुंचविहीन नहीं रहेगा और न ही कोई अंचल आर्थिक अथवा क्षेत्रीय असमानता का शिकार होगा, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने बड़ी व्यापक कार्ययोजना अपनाई है।

राज्य के 56 लाख परिवारों को मिलेगा स्मार्टफोन
मुख्यमंत्री ने कहा-हमारी त्रिस्तरीय ‘डिजिटल-टेलीकॉम क्रान्ति’ ने नए छत्तीसगढ़ निर्माण के सपने में रंग भरना शुरू कर दिया है, जिसका पहला स्तर 8 हजार किलोमीटर वाले ‘भारत-नेट’ का, दूसरा स्तर 8 सौ किलोमीटर वाला ‘बस्तर-नेट’ तथा तीसरा स्तर 56 लाख परिवारों को स्मार्टफोन वितरण व इसके लिए 15 सौ मोबाइल टॉवरों का निर्माण होगा। इस तरह बनने वाला ‘आई.टी. सुपर-हाइवे’ नए जमाने की आवश्यकताओं को पूर्ण करेगा, वर्तमान तथा नई पीढ़ियों को घनिष्ठ रूप से जोड़ेगा, प्रदेश के सभी क्षेत्रों के साथ देश और दुनिया से भी छत्तीसगढ़वासियों को जोड़ेगा और विकास के नए साधन तथा अवसर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा।

बची-खुची नक्सली गतिविधियां भी जल्द समाप्त होंगी
मुख्यमंत्री ने कहा- नक्सलवाद का एक बड़ा कारण, दुर्गम अंचलों में संचार साधनों का अभाव था, जिसमें बस्तर का सीमावर्ती हिस्सा ज्यादा ही प्रभावित हुआ, लेकिन सुरक्षा, विकास और संचार के नए उपायों से बस्तर में बची-खुची नक्सलवादी गतिविधियां भी जल्दी समाप्त हो जाएंगी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वामपंथी उग्रवाद के विरूद्ध लड़ाई को वैचारिक और संसाधनों की शक्ति दी, जिससे छत्तीसगढ़ को अपूर्व संबल मिला है तथा निर्णायक पथ-प्रशस्त हुआ है।

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