झारखंड : कन्यादान करने से पहले विद्यादान जरूरी

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रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि कन्यादान पुण्य का काम है, लेकिन आज के जमाने में कन्यादान से पहले विद्यादान जरूरी है. विद्यादान के बाद कन्यादान करने से और पुण्य मिलता है. गरीबी को समाप्त करने के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है. बच्चियों को शिक्षित करने से दो परिवारों को इसका लाभ मिलता है.

झारखंड की बच्चियां अपने पैरों पर खड़ा होने में सक्षम हैं, जरूरत है उन्हें अवसर प्रदान करने की. गुमला की ऋतु कुमारी ने पढ़ाई के लिए शादी से इनकार कर एक मिसाल कायम की है. सरकार उसकी पढ़ाई की व्यवस्था के साथ-साथ एक लाख रुपये की सम्मान राशि देगी. श्री दास सोमवार को झारखंड मंत्रालय में बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ और पहले पढ़ाई, फिर विदाई अभियान के लिए जागरूकता वाहन को रवाना करने के बाद बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि सरकार पहले पढ़ाई, फिर विदाई के मिशन पर काम कर रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी, दलित व वंचितों की आवाज बन कर काम कर रही है. मौके पर अपर मुख्य सचिव अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अरुण सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव सुनील कुमार बर्णवाल आदि मौजूद थे.

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