छत्तीसगढ़ से लगभग नौ हजार करोड़ की वस्तुओं का हुआ निर्यात : अमर अग्रवाल

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व्यापार विकास और प्रोत्साहन परिषद की बैठक में शामिल हुए उद्योग मंत्री

रायपुर:छत्तीसगढ़ के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में आयोजित व्यापार विकास और प्रोत्साहन परिषद की तीसरी बैठक में शामिल हुए।

श्री अग्रवाल ने बैठक में बताया कि पिछले कैलेण्डर वर्ष 2017 में जनवरी से नवंबर तक छत्तीसगढ़ से लगभग 8984 करोड़ रूपए की विभिन्न वस्तुओं का निर्यात किया गया। इनमें मुख्य रूप से चावल (29 प्रतिशत), लौह अयस्क (19 प्रतिशत), मिश्रिम स्टील (14 प्रतिशत), एल्युमिनियम (10 प्रतिशत), स्टील से निर्मित वस्तुएं (09 प्रतिशत) शामिल हैं।

श्री अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2016 की तुलना में राज्य से हुए निर्यात में 92 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।वर्ष 2016 में 4662 करोड़ रूपए का निर्यात जनवरी से नवम्बर माह तक हुआ था। बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर परिकर, कर्नाटक के वृहद और मध्यम उद्योग मंत्री श्री आर.व्ही. देशपाण्डेय, उत्तराखण्ड के नगरीय विकास मंत्री श्री मदन कौशिक, बिहार के कृषि मंत्री श्री प्रेम कुमार, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत, एसोचेम के अध्यक्ष श्री बी.के. गोयनका उपस्थित थे।

व्यापार की लागत और लॉजिस्टिक के खर्च को कम करने पर बैठक में विशेष रूप से विचार-विमर्श किया गया। श्री अग्रवाल के साथ बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।

बैठक में राज्यों से निर्यात को बढ़ावा देने, राज्य की निर्यात नीति को और अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में राज्यों से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं के मानकीकरण, प्रमाणीकरण और वेल्यू एडिशन, लॉजिस्टिक की गतिविधियों में सुधार, आर्गेनिक खेती के प्रोत्साहन और सर्विस सेक्टर में सुधार, कृषि उत्पादों के निर्यात तथा आर्गेनिक उत्पादों के प्रमाणीकरण आदि विषयों पर विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

श्री अमर अग्रवाल ने बैठक में जानकारी दी छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़ से होने वाले निर्यात का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा अकेले भिलाई से होता है। इसके अलावा शेष 25 प्रतिशत वस्तुओं का निर्यात उरला, भनपुरी और सिरगिट्टी के औद्योगिक क्षेत्रों से किया जाता है।
श्री अमर अग्रवाल ने बैठक में यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में लॉजिस्टिक क्षेत्र के विकास के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। इस क्षेत्र में सुगम परिवहन, सुचारू वितरण और सुरक्षित भण्डारण की क्षमता को बढ़ाने का काम किया जा रहा है।

सप्लाई चैन को बेहतर बनाने के लिए वेयर हाऊसिंग क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है। क्योंकि लॉजिस्टिक खर्च का 15 से 35 प्रतिशत हिस्सा वेयर हाऊसिंग क्षेत्र का होता है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रगतिशील निर्यात नीति तैयार करने और बेहतर लॉजिस्टिक अधोसंरचना के विकास के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। देश के लगभग मध्य में स्थित छत्तीसगढ़ देश का प्रमुख लौह अयस्क और स्टील उत्पादक राज्य है। यहां देश के लगभग 20 प्रतिशत लौह अयस्क का उत्पादन होता है। कोर सेक्टर के व्यापार और व्यवसाय में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। देश के स्टील और स्पंज आयरन के उत्पादन में 30 प्रतिशत और एल्युमिनियम उत्पादन में 15 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ का है।

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