नगर पंचायत बरगवां का गठन ना कर ग्राम पंचायत रहने दिया जाए बृजेंद्र मिश्रा

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अनूपपुर। प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा ग्रामीण मंडल अनूपपुर के मीडिया प्रभारी बृजेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि ग्राम पंचायत बरगवां के अंतर्गत राजस्व की भूमि पर कुछ तथाकथित रसूखदार ओं नेताओं वा दबंगों के द्वारा आदिवासियों की भूमि को कौड़ियों के दाम कम कीमत पर खरीद-फरोख्त कर उसी भूमि को लाखों की कीमत में खरीदने और बेचने का कार्य किया जा रहा है ज्ञात हो कि सामान्य वर्ग के खरीददारों के द्वारा आदिवासियों की भूमि को बैठने के लिए किसी अन्य स्थान के आदिवासी समुदाय के व्यक्ति को लाकर उस भूमि का पट्टा नामांतरण करा दिया गया है और यह कहानी लगभग 10_ 12 वर्षों से निरंतर अवैध रूप से जारी है यही नहीं मध्यप्रदेश शासन की रिक्त भूमि पर अवैध रूप से भवन निर्माण कार्य कर बेजा कब्जा किया गया है यह खेल ग्राम पंचायत बरगवां के वार्ड क्रमांक 11, 12, 8, 9, 10,4, 14 15 में चल रहा है इन वादों के अलावा ओरिएंट पेपर मिल के स्वामित्व की भूमि पर भी अवैध कब्जा करके भवन निर्माण कार्य किया गया है। यह प्रक्रिया चंद स्वार्थी तत्व की मांग को माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और माननीय खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह जी के द्वारा ग्राम बरगवां को नगर परिषद के लिए उठाई गई आवाज पूरे ग्राम पंचायत के वासियों की आवाज नहीं बल्कि कुछ तथाकथित समाज को दिग्भ्रमित और पथभ्रष्ट करने वाले लोगों की आवाज है इसलिए ग्रामीण जनों से पूछे जाने पर बताया गया कि किसी भी शासन के नियम व निर्देशों के अनुरूप नगर पंचायत गठन कानूनी मापदंड में नहीं आता क्योंकि ग्राम पंचायत बरगवां अंतर्गत सिर्फ और सिर्फ सबसे पुरानी बस्ती वार्ड क्रमांक 01 से लेकर 03 तक ही किसानों के पास भूमि पट्टा है किंतु आधे से अधिक आबादी शासकीय भूमि पर भवन निर्माण कार्य कर अवैध कब्जा करके निवासरत हैं और यही हाल अमलाई कॉलरी दुर्गा मंदिर जोकि काल री प्रबंधन के द्वारा एसईसीएल के माध्यम से श्रमिक कॉलोनियों का निर्माण किया गया है उस पर भी उन श्रमिक क्वार्टरों में कई ऐसे परिवार हैं जिनके द्वारा अवैध कब्जा करके कॉलरी प्रबंधन का मकान, बिजली, पानी मुफ्त में उपयोग किया जा रहा है इस पर विचार करते हुए की जब इनके द्वारा एक रुपए नगर पंचायत गठन के बाद टैक्स नहीं देना पड़ेगा और यह पूरा भार यहां के पूर्व निवासरत पुश्तैनी ग्रामीणों को वहन करना पड़ेगा ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत बरगवां जिसका गठन नगर पंचायत के रूप में होने जा रहा है वह ना करा कर यथावत ग्राम पंचायत ही रहने दिया जाए।सबसे बड़ी बात यह भी है की पुश्तैनी निवासियों के पास जमीन का पट्टा तो है लेकिन पट्टे में दर्ज भूमि का रकबा उनके पास उपलब्ध नहीं है यही नहीं लेबर कॉलोनी, गांधीनगर, इंदिरा नगर, बापू चौक, डोगरी टोला, आमा टोला इन जगहों पर भी पूर्व ग्रामीण किसानों की भूमि को कौड़ियों के दाम खरीद कर उस पर भवन बनाया गया है और बचे हुए कुछ लोग मध्यप्रदेश शासन की भूमि पर अवैध कब्जा करके निर्माण कार्य किए हुए हैं यही नहीं ओरियंट पेपर मिल जिसके द्वारा पूर्व में बरगवां के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी उनकी भूमि पर भी आधे से अधिक कब्जा करके लोगों के द्वारा भवन निर्माण कार्य किया गया है।सबसे बड़ी बात यह भी है की भूमिगत खदान न्यू अमलाई के द्वारा कॉल री खोलने से पहले भूमि अधिग्रहीत की गई वह भी रिक्त पड़ा हुआ है और उस पर भी लोगों के द्वारा अवैध कब्जा करके निर्माण कार्य व अन्य कार्य किए जा रहे हैं यही नहीं मध्य प्रदेश विद्युत मंडल चचाई के द्वारा भी बरगवां की भूमि को अधिग्रहित किया गया है जिस पर डैम और कुछ भाग रिक्त छोड़ दिया गया।

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