जगह जगह हो रही माता रानी के अलग-अलग रूपों की पूजा आराधना।

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औद्योगिक और कोयलांचल नगरी हुई माता के गीतों की गूंज से गुंजायमान।

अनूपपुर। (अविरल गौतम) अखिल ब्रह्मांड की जन्म दात्री माता महारानी पराशक्ति के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा माता के प्राचीन 51 सिद्ध शक्तिपीठ के साथ-साथ जगह जगह विराजमान किए हुए प्रतिमाओं की भव्य पूजा आराधना कर रहे देवी भक्तों का माता के दरबार में लग रहा है भीड़ शारदीय नवरात्रि के शुभ अवसर पर निरंतर 9 दिनों तक माता की आराधना में लीन भक्तजनों के द्वारा व्रत पूजा आराधना करने के अलग-अलग तरीकों के साथ मां को पुकारने मैं लगे।
इस प्रकार आई भीषण आपदा से निजात पाने के लिए सभी भक्त जनों ने माता रानी से संपूर्ण विश्व के कल्याण के लिए आवाज उठाई। ज्योति मयी निराकार संपूर्ण ब्रह्मांड की संचालक मां जगत जननी के नौ स्वरूपों नवदुर्गा की भव्य पूजा आरती के साथ-साथ सभी जगहों पर दुर्गा कवच पाठ निरंतर चल रहा है।
आचार्य श्री दिनकर प्रसाद मिश्रा जी ने बताया कि जो भी भक्त सच्चे मन से माता को पुकारता है उस पर आई विपदा संकट माता रानी के द्वारा त्वरित दूर कर दिया जाता है क्योंकि संपूर्ण ब्रह्मांड मां के द्वारा ही संचालित हो रहा है चर, अचर, जड़, चेतन संपूर्ण सृष्टि का निर्माण, पालन और संघार मां के हाथों में है।
औद्योगिक नगरी बरगवां, सोडा फैक्ट्री, गांधीनगर, लेबर कॉलोनी, बापू चौक, आमा टोला, बकहो, चचाई, कैलहोरी, विवेक नगर, संजय नगर, अमलाई, देवहरा मैं जगह जगह विराजित मां की प्रतिमाओं का नित्य प्रतिदिन भव्य पूजन आराधना भक्तजनों के द्वारा किया जा रहा है भक्ति में पूरा का पूरा औद्योगिक क्षेत्र भक्ति मय गीतों की धुन से गूंज उठा है।
पूरा का पूरा वातावरण देवी गीतों की गूंज से इस प्रकार सरोवार हो गया है की इस भक्ति रूपी गंगा में हर एक भक्त डुबकी लगाता माता के नाम को गुनगुनाता अपनी धुन में गाते हुए चलता है की “मैया की मडिया है कितनी दूर चलो पूजन को जाएं” तो कहीं “चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है” तो कही मातृशक्ति बहनों और नन्हे मुन्ने बच्चे बच्चियों के द्वारा गरबा नृत्य में थिरकते कदम श्रेष्ठतम भक्ति पूजा का पर्याय बनी है। साथ-साथ ग्रामीण जनों के द्वारा अपनी संस्कृति और सभ्यता के अनुरूप ढोलक, टिमकी वाद्य यंत्रों की धुन पर “पंडा कराय रहो पूजा मैया जी के झूम झूम के,, तो कहीं “करे भगत हो आरती मैया जी के झूम झूम के” जैसे देवी गीतों से पूरा का पूरा क्षेत्र गुंजायमान है। बरगवां प्रसिद्ध हनुमान मंदिर प्रांगण में शीतला माई के मंदिर में प्रतिदिन माता शीतला की आरती वंदना की जाती है मंदिर के पुजारी पंडित अजय मिश्रा के द्वारा शीतला माता के दरबार में कन्याओं का भोज करा कर उन्हें देवी स्वरूप मानकर आशीर्वाद प्राप्त करते हुए दक्षिणा प्रदान की गई।
नवरात्रि के इस नौ दिन में माता रानी के दरबार को साज सज्जा से सुशोभित करते हुए भक्तजनों के द्वारा मां का जयकारा घोष किया जा रहा जिसमें “सांचे दरबार की जय” दुर्गा मैया की जय, जगदंबे मां की जय, अंबे रानी की जय, शारदा मैया की जय कारे के साथ कहीं कन्या भोज, जगराता, गरबा नृत्य, माता महाकाली का आगमन भयावह रूप में करती नृत्य, माता के सौम्य स्वरूप के सामने चल रहा देवी गीत तो कहीं चल रहा भंडारा भोग प्रसाद वितरण कार्यक्रम के साथ-साथ अंतिम में जवारा विसर्जन किया जाएगा।

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