बूढ़ी माई समीति बस्ती द्वारा अनुपपुर से अमरकंटक कावड़ यात्रा प्रारंभ

0

अनुपपुर सावन का महीना भगवान शिव का महीना होता है, इसलिए भक्तजन इस महीने में विशेष व्रत रखते हैं, और शिव की पूजा-अर्चना करते हैं
सावन में कांवड़ यात्रा का बहुत महत्व है। हर साल लाखों श्रद्धालु अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए इस पावन यात्रा के लिए निकलते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। सावन का महीना शिवभक्तों के लिए बेहद खास होता है सावन मास में अमरकंटक में हड़ताल हजारों कावड़िया आते हैं और नर्मदा जल लेकर भोलेनाथ को अर्पण करते हैं इसी क्रम में अनूपपुर पुरानी बस्ती बूढ़ी माई मडिया समिति के लोग कावड़ यात्रा में निकल चुके हैं समिति कि यह तीन दिवसीय यात्रा अनूपपुर से अमरकंटक तथा अमरकंटक से नर्मदा जल का लेकर सोमवार को जलेश्वर धाम में चढ़ाया जाएगा ।
समिति के लोगो का कहना है कि भगवान भोलेनाथ सभी के पाप दुख दोष हरने वाले हैं इसीलिए हम बाबा से प्रार्थना करेंगे कि इस कोरोना महामारी को विश्व से खत्म कर दें तथा सभी का कल्याण हो ।

कांवड़ यात्रा का महत्व
मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से जो विष निकला था, उसे भगवान शिव ने दुनिया को बचाने के लिए पी लिया था. जिसके बाद से भगवान शिव को नीलकंठ भी कहा जाने लगा. भगवान शिव के विष का सेवन करते ही दुनिया तो बच गई, लेकिन भगवान शिव का शरीर जलने लगा. ऐसे में भोलेनाथ के शरीर को जलता देख कर देवताओं ने उन पर जल अर्पित करना शुरू कर दिया और इसी मान्यता के अंतर्गत कावड़ यात्रा का महत्व माना गया है.

इस कावड़ यात्रा में अनुपपुर से हेमन्त गौतम, कमलेश तिवारी पिंटू , दीपक पटेल, आनद दाहिया, गुंजन दाहिया, लाल पाण्डेय, निरंजन शुक्ला,राजाराम,गुड्डू सोनी ,प्रियम शुक्ला,नीलू तिवारी,सुनील,सुमित ,सुधन ,पुनीत ,दुर्गेश,प्रेम पाल, बिक्कू तिवारी, संघ पटेल, आकाश , गब्बर, आशीष , जगन्नाथ यादब, आदि शामिल हुये है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *