भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने आज महिलाओं की 49 किलोग्राम भारोत्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीता

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नई दिल्ली : भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने आज महिलाओं की 49 किलोग्राम वर्ग की भारोत्तोलन स्पर्धा में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाया। उन्होंने स्नैच में 87 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 115 किलोग्राम सहित कुल 202 किग्रा भार उठाया। मणिपुर की 26 वर्षीया चानू, 2018 में पीठ की चोट के बाद सावधानी से उबरते हुए, देश की पहचान बन गई। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर और देश के कोने-कोने से भारत के लोगों ने मीराबाई को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने भारोत्तोलक मीराबाई चानू को फोन किया और उन्हें पदक जीतने व देश का नाम रौशन करने के लिए बधाई दी।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने चानू की शानदार जीत की कामना की। श्री कोविंद ने ट्वीट में, “भारोत्तोलन में रजत पदक जीतकर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए पदकों की शुरुआत करने के लिए मीराबाई चानू को हार्दिक बधाई दी।”

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ओलंपिक में भारत के पदक जीतने पर शुरुआत पर खुशी व्यक्त की और चानू को उनके प्रदर्शन के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हैशटैग चीयर 4 इंडिया के साथ ट्वीट किया, “टोक्यो2020 के लिए एक सुखद शुरुआत के लिए नहीं कहा जा सकता था! मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से भारत उत्साहित है। भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है।”

खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मीराबाई चानू को बधाई देते हुए कहा, “आपको बहुत-बहुत धन्यवाद, 135 करोड़ भारतीयों के चेहरे पर बड़ी मुस्कान लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और पूरे देश की ओर से बहुत-बहुत धन्यवाद। पहला दिन, पहला पदक; आपने देश को गौरवान्वित किया है।”

रजत पदक विजेता भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित फेसबुक लाइव में मीडिया से बातचीत की। बातचीत के दौरान सुश्री मीराबाई ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि उन्होंने इस दिन के लिए बहुत त्याग किया है और आज उनकी सारी मेहनत का फल मिला और उनका सपना साकार हो गया है।

मीरा ने अपने गृहनगर के पास इंफाल में भारतीय खेल प्राधिकरण केंद्र में अपना प्रशिक्षण शुरू किया। पिछले पांच साल मिलनसार मीराबाई चानू कुल पांच सप्ताह तक मणिपुर में रही थी। वह 2018 में नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान, पटियाला में अपने प्रशिक्षण शिविर में ही रहीं, और केवल अपनी पीठ के निचले हिस्से की चोट के इलाज के लिए केवल मुंबई जाने के लिए समय निकाल कर वहां से शिविर से बाहर गई। उन्हें 2017 में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना में शामिल किया गया था।

उन्होंने टॉप योजना की मदद से सेंट लुइस, संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की, जहां प्रसिद्ध चिकित्सक, शक्ति और कंडीशनिंग कोच डॉ. आरोन होर्चिग ने उन्हें कभी-कभी अपने कंधों और पीठ में महसूस होने वाले दर्द को रोकने के लिए अपनी तकनीक में सुधार करने में सहायता की। इससे उन्हें अप्रैल 2021 में ताशकंद में एशियाई भारोत्तोलन चैंपियनशिप में क्लीन एंड जर्क स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड बनाने में मदद मिली।

मीरा को सेंट लुइस भेजने का निर्णय कुछ ही घंटों में लिया गया जब यह स्पष्ट हो गया कि अमेरिका भारतीय यात्रियों के लिए अमेरिका में यात्रा को बंद कर देगा। संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा भारत में बढ़ते कोविड-19 मरीजों के कारण भारतीयों को अपने देश में उड़ान नहीं भरने देने के एक दिन पहले 1 मई को वह एक हवाई जहाज़ में सवार हुईं। इसमें कोई शक नहीं कि इस कार्यकाल ने मीराबाई चानू की बहुत मदद की।

वह इससे पहले अक्टूबर 2020 से दिसंबर 2020 में डॉ. आरोन हॉर्शिग के पास पुनर्वास और प्रशिक्षण के लिए अमेरिका गई थीं।

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