सीएमएचओ सोनवानी के बैठते ही डिफ्टी ईएमआईओ केपी सिंह के लौटे दिन

0

डॉक्टर सोनवानी और केपी सिंह का काला पीला का खेल शुरू

अनूपपुर (अविरल गौतम) जब सैंया भए कोतवाल तो काहे का डर की कहावत जिला चिकित्सालय अनूपपुर में चरितार्थ हो रही है यहां तरह-तरह के आरोप प्रत्यारोप का दौर विगत कई वर्षों से जारी है जिले की चिकित्सा व्यवस्था पूर्णता चौपट हो गई थी जिसे गंभीरता से देखते हुए डॉक्टर सोनवानी को सीएमएचओ पद से हटा दिया गया था लेकिन उन्होंने शासन प्रशासन को चैलेंज करते हुए हाईकोर्ट से स्टे लाकर अब उन्होंने कुर्सी संभाल लिए है और अपने बैसाखी के बलबूते के पी सिंह के साथ काला पीला करने में लगे हैं। बताया गया है जिले के स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की झड़ी लगाकर किसी और कि टोपी किसी और के सिर में रखते हुए मीडिया अधिकारी जो लगभग अपने मनमर्जी तरीका से नौकरी करते हुए भ्रष्टाचार के मामले में सुई के नोंक की जगह में म्यान बनाकर शासन प्रशासन को अंधेरे में रखते हुए उक्त म्यान में कुंडली मारकर बैठे केपी सिंह का कुछ माह पूर्व से लगभग 3 माह तक बुरे दिन चल रहे थे। कारण की अनूपपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ सीएमएचओ बीडी सोनवानी को लालच देकर व भ्रम में डालकर मेवा खाने के जुगाड़ में उनके द्वारा जिला प्रशासन तक की आंखों में खूब धूल
झोंका गया । जब विगत 3 माह पूर्व कोविड-19 को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनूपपुर जिले के बढ़ते संक्रमण, रोकथाम व सुरक्षा का जायजा लिया जा रहा था। तब सीएमएचओ बीडी सोनवानी के द्वारा सही जवाब न दिए जाने पर नाराज मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल उन्हें पदीय दायित्वों से किनारे करते हुए अन्य काम कराए जाने को आदेशित किया गया । उसी दरमियान शासन प्रशासन द्वारा जिले में पदस्थ बरिष्ठ डॉक्टर एससी राय को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का दायित्व संभाले जाने का आदेश जारी करते हुए कोरोना संक्रमण मैं किसी तरह की लापरवाही ना हो को लेकर पदस्थ कर दिया गया।और उस दरम्यान बीडी सोनवानी संकट कालीन स्तिथि में जिले से गायब होकर उच्चतम न्यायालय की शरण में जाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए कार्यवाही को चैलेंज करते रहे। इस बीच लगभग 3 माह तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर एस सी राय के कार्यकाल में मीडिया अधिकारी केपी सिंह को कई वर्षों से नौकरी के नाम पर नेतागिरी करने का जो लाभ मिल रहा था । वह अपने आप समाप्त हो गया, कारण की डॉक्टर रॉय के पास यह चलने वाला नहीं था, इस दौरान अंततः उच्चतम न्यायालय से बीडी सोनवानी को स्थगन आदेश मिल गया। श्री सोनवानी के स्थगन आदेश मिलते ही डिप्टी ईएमआईओ के पी सिंह कि माने तो पुन: चार चांद लग गए और श्री सोनवानी के द्वारा स्थगन आदेश को लेकर कुर्सी संभालते ही के पी सिंह फिर अपने पुराने रास्ते में चलने लगे, अब इन दिनों मीडिया अधिकारी के पी सिंह की नेतागिरी, स्वास्थ्य विभाग के छोटे कर्मचारियों सहित अन्य लोगों में भी देखे जाने को मिल रही है । कारण की ” सैंया भए कोतवाल तो भय काहे का ” वैसे भी मीडिया अधिकारी के पी सिंह के द्वारा कई बार अपने विभाग के अन्य कर्मचारियों एवं आमजन के पास कांग्रेश पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय सिंह राहुल भैया को अपना करीबी रिश्तेदार बता कर धमकाने एवं कार्यवाही करा देना की बात कहीं जा चुकी है ।
ज्ञातव्य है कि जब से स्थगन आदेश लेकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की कुर्सी पर बीडी सोनवानी बैठे हुए हैं ,डिफ्टी ईएमआईओ जिले का सभी योजनाओं को दरकिनार करते हुए मनमर्जी तरीका अपनाते हुये 4 से 5 दिन तक गायब रहना जब जंहा मन कहे अपने मनमर्जी मुताबिक कार्य करना ,तथा
उक्त तीन महीनों की भरपाई जो डॉ रॉय के कार्यकाल में नही हो सका।अब्य पूरा करने में उतारू हैं । कारण की इन्हें तो अब ना कोई देखने वाला और ना कोई सुनने वाला है।अनूपपुर जिले के लिए सबसे बड़े दुख की बात तो यह है कि ऐसे व्यापारी किस्म के अधिकारी-कर्मचारी जो अनूपपुर में केवल व्यापार या कमाई के उद्देश्य जुड़कर जिले के आदिवासी बाहुल्य एवं भोले भाले लोगों का शोषण कर केवल अपना खानापूर्ति करने में उतारू हैं अगर ऐसे अधिकारी कर्मचारियों पर समय रहते शासन प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं की गई तो यह जिले की जनता को बेवकूफ बनाकर व्यापार की तरह कमाई करते हुए जिले को खोखला करने में देरी नहीं करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *