स्‍टैंडअप इंडिया योजना के तहत 81 प्रतिशत से अधिक खाताधारक महिलाएं हैं

0

नई दिल्ली : वित्‍त मंत्रालय ने पिछले 7 वर्षों में अनेक योजनाएं शुरू की हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण के लिए विशेष प्रावधान है। इन योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्‍त बनाया है, ताकि वे बेहतर जीवन जी सकें और उद्यमी बनने के अपने सपने को साकार कर सके।

आज हम अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस मना रहे हैं और वित्‍त मंत्रालय की ओर से महिलाओं के लिए शुरू की गई विभिन्‍न योजनाओं पर एक नजर डालते हैं :

स्‍टैंड अप इंडिया स्‍कीम : इस योजना की शुरुआत 5 अप्रैल, 2016 को की गई थी और इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में निचले स्‍तरों पर आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस योजना का उद्देश्‍य संस्‍थागत ऋणों का फायदा ऐसे वर्गों तक पहुंचाना है, जहां इनकी पहले पहुंच नहीं थी और इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी है, ताकि राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में हिस्‍सेदारी के लिए उन्‍हें भी अवसर प्रदान किया जा सके।

इस योजना का उद्देश्‍य 10 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये के बैंक ऋणों को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी) की प्रत्‍येक शाखा से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कम से कम एक सदस्‍य और कम से कम एक महिला उद्यमी को ऋण की सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे हरित क्षेत्र उद्यमों की स्‍थापना कर सके।

स्‍टैंडअप इंडिया योजना के तहत 26.02.2021 तक 81 प्रतिशत से अधिक यानी 91,109 खातों में महिला उद्यमियों के लिए 20,749 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) : इस योजना की शुरुआत 8 अप्रैल, 2015 को गैर-कॉरपोरेट, गैर-कृषि लघु/सूक्ष्‍म उद्यमों के लिए 10 लाख रुपये तक की ऋण राशि उपलब्‍ध कराने के लिए की गई थी। इन ऋणों को पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण के रूप में वर्गीकृत किया गया है और ये ऋण वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, लघु वित्‍त बैंकों, सूक्ष्‍म वित्‍त संस्‍थान और गैर-बैंकिंग वित्‍तीय निगमों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।

पीएमएमवाई के तहत मुद्रा ऋण को शिशु, किशोर और तरुण के रूप में वर्गीकृत किया गया है, ताकि लाभार्थी सूक्ष्‍म इकाई/उद्यमी की वृद्धि के चरण – विकास एवं वित्‍त आवश्‍यकताओं की पहचान की जा सके और उन्‍हें विकास के अगले चरणों के लिए आगे समर्थन दिया जा सके।

मुद्रा योजना की शुरुआत से लेकर 26.02.2021 तक महिला उद्यमियों के 68 प्रतिशत यानी 19.04 करोड़ खातों में 6.36 लाख करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी जा चुकी है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) : यह योजना 28 अगस्‍त, 2014 को शुरू की गई थी और इसका उद्देश्‍य प्रत्‍येक परिवार को कम से कम एक बैंक खाते की आधारभूत सुविधा, वित्‍तीय साक्षरता, ऋण तक पहुंच, बीमा एवं पेंशन सुविधा उपलब्‍ध कराना है।

इस योजना के तहत 24.02.2021 तक कुल 41.93 करोड़ खाते खोले जा चुके हैं जिनमें से 23.21 करोड़ खाते महिलाओं से संबंधित हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *