सुलगती चिरमिरी हाँथ सेंकते अधिकारी :खूनी गैस का मचा चारो ओर तांडव

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एसईसीएल पर लगे गैर इरादतन हत्या के आरोप ।।

एसईसीएल उगल रही खूनी गैस ।।।

जिला कोरिया चिरिमिरी काले हीरे की नगरी कही जाने वाली ये चिरमिरी आज अपने ही अस्तित्व पर सवाल पूछ रही है ये आग कब बुझेगी ।।।

अधिकारी सोये कुंभकर्णी नींद

जोगी एक्सप्रेस छत्तीसगढ़
चिरमिरी जिला कोरिया छत्तीसगढ़ |
समूचे चिरमिरी नगर को इन दिनों धुए में जीने के लिए मजबूर करने वाली SECL की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये को तो देख कर यु लगने लगा है की SECL को अब यहाँ के बाशिंदों के स्वास्थ या उनके जीवन से कोई लेना देना नहीं,वह तो महज नोट छपने के लिए यहाँ के स्थानीय लोगो का इस्तेमाल कर रही इस के पूर्व भी जोगी एक्सप्रेस की टीम ने इस को लेकर प्रमुखता से खबरे भी प्रकाशित की थी .परन्तु SECL अपने दंभ में स्थानीय जानो को मौत के घाट उतरने पर तुला हुआ है चिरमिरी मे हर तरफ आग और जहरीली गैस निकल रही है । कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस वो गैस है कि इसकी मात्रा 1.28%हो जाये तो 2 से 3 मिनट में व्यक्ति , पशु, परिंदे,मनुष्य की मौत इस गैस के संपर्क मे आने से हो जाती है |
हाल ही में ऐसा हुआ भी है 1 व्यक्ति की मौत बकरी, पछी , अन्य जानवर की मौत हो चुकी है । जांच केलिए आये अधिकारियो ने जब इस की पड़ताल करने अपने साथ मुर्गी लेकर गए जांच अधिकारी ने देखा की घटना स्थल जहा पूर्व मे एक चरवाहे और पालतू पशु की मौत हो गयी थी ,जहा जाँच दल ने मुर्गी को छोड़ा वही तत्काल मुर्गी की मौत हो गई| और अधिकारियो ने पूरी लापरवाही बरतते हुए इस जाँच पर लीपा पोती कर कागजो मे सामान्य गैस लीकेज की बात कह कर अपना पल्ला झाड लिया मौत दर मौत होने के बावजूद भी एसईसीएल के कान में जु तक नहीं रेंगी । एसईसीएल को सिर्फ पैसो से मतलब है अरबो रुँपये के कोयले को अपने गर्भ में समेटे चिरमिरी को SECL ने जम कर लूटा खपत हो या न हो पर ज्यदा से ज्यदा कोयला निकलने की होड़ और अपने बिलासपुर मे बैठे आकाओं की चापलूसी और अवार्ड लेने की चाहत ने आज चिरमिरी नगर को विनाश के मुहाने पर ला छोड़ा है |वही अरबो रूपए का कोयला आग की चपेट मे आने से सिर्फ आग और राख मे तब्दील हो रहा ,राख सीमेंट फक्ट्रियो को बेच दिया जायेगा और धुए को समूचा चिरमिरी शहर सूंघ जायेगा,बदले मे स्थानी जानो को मिलेगी गम्भीर बीमारियाँ जिनका उपचार भी सिर्फ SECL मे कार्यरत कर्मचारी और उसके परिवार को मिलेगा ,बाकी जनता भगवान् भरोसे अपने दिन गिने कुछ ईएसआई तर्ज पर SECLकी कार्यप्रणाली कार्य कर रही,जो की बेहद गैर्जेम्मेदारना है,क्या मानव के साथ अयसा बर्ताव उचित है,क्या लोगो के स्वस्थ के साथ खिलवाड़ करने की इज्ज़ज़त कौन कानून देता है ??

रेगुलेसन कोल माईनस 1957 अनुछेद 121 कार्बन मोनो ऑक्साइड को खूनी गैस के नाम से जाना जाता है ।।

जमींन के नीचे की सतह से अंडर ग्राउंड माईनस किये गए थे अंदर से कोयला निकाल लिया गया है जहाँ से कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस ही निकलती है कार्बन का 1 अडू और ऑक्सीजन का 1 अडू मिल कर कार्बन मोनो ऑक्साइड बनाते है जो की बहुत ही घातक होती है
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यहाँ तक की एसईसीएल को मालूम नहीं की उक्त भूमि किस की है चुकी लीज पर ली गयी भूमि की लीज समाप्ति के बाद वापस फारेस्ट विभाग के अंतर्गत चली जाती है,सूत्रों की माने तो फारेस्ट विभाग के आला अधिकारियो को प्रतिमाह एक मोटी रकम एसईसीएल द्वारा मुह बंद रखने की एवज मे दिया जाता रहा है,जेसे ही फारेस्ट का कोई अधिकारी इस पर आपत्ति जताता है,उसका तब्दला भी उसी रफ्त्तर से भेट कर दिया जाता है,

एसईसीएल को भेजा गया पत्र

वन विभाग को और नगर पालिक निगम को भी दिया गया पत्र। अब तक किसी अधिकारी या एसईसीएल नगर पालिक निगम का जवाब नहीं आया ।
एसईसीएल को लीज पर दि गयी जमीन है|चुकी खनन प्रक्रिया पूर्ण होने के पशचात खोखली जमीन को रेत से भरा जाने का प्रवधान है ,परन्तु अयसा होता सिर्फ कागजो पर ही है| रूपए की चाहत और इंसान की जरुरत चिरमिरी के भविष्य पर ही प्रश्न चिन्ह लगा रही है|

जहा जहा भी कोयले को स्टोर किया गया है लगभग सभी स्थानों में आग लगी हुई है और गैस का लगातार रिसाव हो रहा है|चिरमिरी नगर के ह्रदय स्थल कहे जाने वाले हल्दी बड़ी से सटी NCPH के पास भी कोयले का विशाल भंडारण किया गया है जो की रिहाइसी इलाके के अंतर्गत आता है,वहा पर भी आग लगी हुई है जहा से निरंतर धुवा निकलता रहता है, यदि गर्मियों के पहले यहाँ से कोयला कही अन्यंत्र शिफ्ट नहीं किया गया तो भविष्य मे इस के भयंकर परिणाम देखने को मिलेंगे वातावरण मे ओक्स्सिजन की कमी और बढ़ते धुए के स्थानी जन अब आदि हो चले है करे भी तो क्या ,जो जिम्मेदार नेता जन प्रतिनिधि है एसईसीएल द्वारा दिए जा रहे लिफ़ाफ़े के आगे नतमस्तक हो वहा का भगवान् ही मालिक
वही पूर्व में अंजान हिल माईनस हुए हादसे में 17 लोगो की मौत ने पूरी चिरिमिरी को हिला कर रख दिया अब वही हादसा एसईसीएल फिर दोहरा रहा है

चिरमिरी अपनी अंतिम साँसे ले रहा है। एक ओर एसईसीएल चिरमिरी का शोषण कर सिर्फ लाभ कमा रही है और सुलगती हुई चिरमिरी को जलने के लिए छोड़ दिया गया है| सूत्रों की माने तो वही दूसरी ओर नगर निगम पैसा नहीं होने का राग अलाप रही एव जो राशि पुर्व शासन काल की शेष है उसको बंदरबाट कर रही है। अगर चिरमिरी को बचाना है तो नगर निगम महापौर, विधायक, एवम् एसईसीएल के अधिकारी निःस्वार्थ रूप से चिरमिरी के हित में, चिरमिरी को बचाने का प्रयास करे, और इस सयुक्त प्रयास में क्षणिकभर भी राजनीति का समावेस न न करे तब ही चिरमिरी को बचाया जा सकता है|

एसईसीएल ने फूका करोडो का कोयला,
वही पर्यवरण की दुश्मन बनी एसईसीएल लाखो की तादाद में हरे भरे पेड़ो का क़त्ल कर चिरमिरी की हरियाली को बर्बाद करने मे तुली हुई है\ कोयला डंपिंग के दौरान बड़े बड़े हरे भरे पेड़ो के ऊपर मिट्टी पत्थर डाल कर एसईसीएल ने सब कुछ नस्त कर डाला न NGT की फ़िक्र न फारेस्ट का डर,| अपने सिधान्तो और उसूलो पर हमेशा ही खरी उतरती आ रही एसईसीएल के ऊपर यह कहवत भी सटीक बैठती है की अपना काम बनता तो भाड़ मे जाये जनता न कोई विरोध न कोई विरोधी

अपने ही जेब भरते आला अधिकारी और एसईसीएल प्रबंधन

खस्ताहाल टेंकरों की मदद से क्या चिरमिरी मे लगी आग को बुझाया जा सकता है? मरण सन्न अवस्था मे पड़े टैंकरों से मदद ले कर सिर्फ औपचारिकता ही निभा रही एसईसीएल,सोसल मिडिया या बड़े अखबारों का मुह बंद करा देने वाली एसईसीएल.चिरमिरी की आग का मुह कब बंद करेगी
कही अयसा तो नहीं की कोई गम्भीर हादसा हो जाये तब तक बड़े अखबार हेड लाइन और ब्रेकिंग न्यूज़ मे 3 दिन तक मातम और झूठी श्रधान्जली देने हेतु रुके हुए हो ? कहा चले गए बड़ी बड़ी पार्टी के बड़े बड़े नेता क्यू उन्हें चिरमिरी का दर्द सुनाई नहीं देता ??? अयसा तो नहीं इधर आग लगी उधर एसईसीएल लिफाफे और मिठाई मे इन को उलझाये हुए है ??/जो चाह कर भी इस पर बहस नहीं करने को मजबूर कर रही हो
ऐसा नहीं के एसईसीएल के पास आग बुझाने की सयंत्र नहीं या पानी नहीं लेकिन फिर भी आग बुझाने की कोई कवायद भी नहीं नहीं की जा रही यह अफसोश जनक है ।।
एसइसीएल की ये लापरवाही ही कही जाएगी की लाखो टन कोयला स्टॉक करने के बावजूद भी सुरछा के कोई इंतज़ाम नहीं?

इनका कहना है ……………

1, वो तो ऑक्सीजन के संपर्क में आने से आग लग जाती है जांच कर के जो भी कार्यवाही होगी करते है प्रदूषण अधिकारी अंबिकापुर से संपर्क कर जांच की जायेगी।।
एस प्रकाश
कलेक्टर कोरिया

रीत जैन स्थानीय निवासी
२,एसईसीएल के पास सभी उपकरण है कर्मचारी है और सभी प्रकार की सुविधा भी है लेकिन एसईसीएल आग बुझाने का कोई प्रयास नहीं कर रही
कोई भी अब तक गंभीरता से नहीं लिया इस आग को अनदेखा किया जा रहा है।ऐसी लापरवाही की उम्मीद केवल एसईसीएल से ही की जा सकती है|

3,बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि CGM सम्बंधित भूमि हमारी लीज़ की नहीं होना बताया है जबकि SDM के द्वारा उक्त भूमि को SECL की लीज़ की भूमि होना बताया जा रहा है। दोनों ही जिम्मेदार अधिकारी अपना अपना पलड़ा झाड़ रहे है। जिम्मेदार अधिकारियो के इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना बयान को कलेक्टर कोरिया को सज्ञान में लेकर कार्यवाही करना चाहिए । एवं मुझे नहीं लगता कि सुलगते चिरमिरी को बचाने में यहाँ के जनप्रतिनिधि या अधिकारी कुछ कर पाएंगे। वर्तमान हमारे जिले में पदस्थ श्री एस प्रकाश कलेक्टर काफी ऊर्जावान है, वे अगर चिरमिरी को बचाने के लिए संकल्पित हो जाए तो निश्चित ही चिरमिरी वासियो का सपना साकार हो सकता है।
कबीर हिंदुस्तानी

ए.एन.अशरफ़ी प्रदेश प्रतिनिधि जोगी एक्सप्रेस छत्तीसगढ़

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