लाला जगदलपुरी के नाम पर दिया जाएगा साहित्य का पुरस्कार: CM भूपेश बघेल

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हर वर्ष होगा साहित्य सम्मेलन का आयोजन

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किया लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय का लोकार्पण

बस्तर की पहचान बंदूक से नहीं, बल्कि कलम और कलमकारों से होगी

रायपुर, 25 जनवरी 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि बस्तर की पहचान अब बंदूक से नहीं बल्कि कलम से होगी। उन्होंने यह उद्गार आज जगदलपुर में लाला जगदलपुरी जिला संग्रहालय के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने लाला जगदलपुरी के जन्म शताब्दी पर आयोजित साहित्य सम्मेलन का समापन भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लाला जगदलपुरी के नाम पर पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही प्रतिवर्ष साहित्य सम्मेलन के आयोजन की घोषणा की। उन्होंने यहां की धरोहरों को संरक्षित करने का कार्य किए जाने की बात भी कही।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बस्तर को पहले दशहरा, घोटुल, मुर्गा लड़ाई और यहां की प्राकृतिक सुंदरता के तौर पर जाना जाता था। उसके बाद लाल आतंक के कारण बस्तर के साथ-साथ पूरे प्रदेश की पहचान नक्सलगढ़ के रुप में होने लगी। मगर अब बस्तर की पहचान बदल रही है और इस क्षेत्र की पहचान बंदूक से नहीं बल्कि कलम और कलमकारों से होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लालाजी के यश के अनुसार ही इस भव्य ग्रंथालय का निर्माण किया गया है। उन्होंने इस ग्रंथालय को बहुत ही सुंदर बताते हुए कहा कि यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए यहां पाठ्य सामग्री उपलब्ध है। बच्चों के लिए बाल साहित्य, बुजुर्गों और साहित्यप्रेमियों की रुचि के साहित्य के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए भी यहां भरपूर पठन सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने यहां सुरक्षा के लिए किए गए व्यवस्था की भी जमकर प्रशंसा की। 
मुख्यमंत्री ने इस ग्रंथालय को चैबीसों घंटे खुले रखने पर भी प्रशंसा करते हुए कहा कि एक समय था, जब इस क्षेत्र में शाम होने के बाद पेट्रोल नहीं मिलता था, किन्तु इस ग्रंथालय में अब पूरे चैबीसों घंटे अध्ययन की सुविधा मिलेगी, जो यहां हुए बदलाव का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि यहां आॅफलाईन के साथ ही आॅनलाईन पाठ्य सामग्री और साहित्य उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हुए बदलाव का परिणाम है कि अबूझमाड़ और बीजापुर के बच्चे अपनी प्रतिभा से अपनी पहचान बना रहे हैं। उन्होंने बस्तर को साहित्यकारों की भूमि बताते हुए कहा कि इस ग्रंथालय के बनने से उन्हें अच्छी सुविधा मिलेगी और साहित्य के विकास का जो माहौल तैयार हुआ है, उसे आगे बढ़ाए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने नई पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि वे नई कलम से नई इबारत लिखें। उन्होंने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के साथ-साथ गढ़बो नवा बस्तर और गढ़बो नवा जगदलपुर‘ के संकल्प को साकार करने की अपील की। 

चार किताबों का विमोचन

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बस्तर दशहरा, कांगेर का संसार, बस्तर माटी की गूंज और कीर्तिशेष लाला जगदलपुरी जन्म शताब्दी समारोह नामक चार किताबों का विमोचन किया। इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज, हस्तशिल्प बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप, चित्रकोट विधायक श्री राजमन बेंजाम, मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री एमआर निषाद सहित जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर श्री रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक श्री दीपक झा उपस्थित थे।

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